वाराणसी का विश्वप्रसिद्ध आयोजन देव दीपावली पर काशीवासी शुक्रवार को
दीपों से देवताओं का आह्वान करेंगे। इसके साक्षी केंद्रीय संस्कृति राज्य
मंत्री जी. किशन रेड्डी, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, पूर्व केंद्रीय
मंत्री उमा भारती सहित देश विदेश से आए मेहमान बनेंगे। देव दीपावली के
आयोजन में बेसिक शिक्षा विभाग के 4000 शिक्षक और कर्मचारी भाग लेंगे। गंगा
पार रेती पर उन्हें 10 सेक्टरों की जिम्मेदारी दी गयी है।
गुरुवार
को सुबह से ही यहां शिक्षक योजना बनाते दिखे। उनके साथ बीएसए व शिक्षा
विभाग के अन्य कर्मचारी भी थे। माध्यमिक शिक्षा विभाग को भी रेती पर 5
सेक्टरों की जिम्मेदारी दी गयी है। 5 सेक्टरों में उन्हें कुल 85 हजार दिए
जलाने हैं। एक सेक्टर में छात्रों के साथ कई शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई गई
है। बता दें कि गंगा महोत्सव के तीसरे दिन होने वाले इस आयोजन पर इस बार न
केवल गंगा किनारे पक्के घाट, बल्कि पार में रेत पर भी लाखों की संख्या में
दीपक टिमटिमाएंगे आएंगे। इन सबके बीच आकर्षण का केंद्र एक बार फिर चेत
सिंह घाट पर होने वाला लेजर शो बनेगा। इसके साथ ही गंगा उस पार रेत में
बैलून फेस्टिवल के तहत चल रहे हॉट एयर बैलून की उड़ान और अस्सी घाट के
सामने इलेक्ट्रिक आतिशबाजी भी नया रोमांच पैदा करेगा। गुरुवार को इन सब
तैयारियों को अंतिम विराम दिया जा रहा था।
देव
दीपावली का उद्घाटन शुक्रवार की शाम 5 बजे राजघाट पर केंद्रीय संस्कृति
राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी करेंगे। इसके बाद क्रमश: सभी घाटों पर दीपक
जलाने का क्रम शुरू होगा। निजी संस्थाओं द्वारा दशाश्वमेध घाट सहित करीब
आधा दर्जन घाटों पर गीत-संगीत सहित विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम
होंगे। लक्ष्मी कुंड रामकुंड सहित शहरभर के अन्य कुंडों व तालाबों पर भी
दीपक जलाया जाएगा। जिला प्रशासन ने विभिन्न विभागों, देव दीपावली समितियों व
सामाजिक संस्थाओं की मदद से 15 लाख दिए जलाने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए
पर्यटन विभाग ने 12 लाख दीया और तेल का प्रबंध किया है।
उधर,
शहर के विभिन्न सरकारी संस्थानों, भावनों व बिजली पोल को तिरंगे रंग के
झालरों से सजा दिया गया है। शहर में दूरदराज से आने वाले लोगों के आवागमन
और उनके वाहनों के लिए विभिन्न स्थानों पर पार्किंग व वनवे की व्यवस्था
पुलिस प्रशासन द्वारा की गई है। इसको लेकर गुरुवार को दिनभर पुलिस व
प्रशासन के अधिकारी जुटे रहे।
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