राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि नई शिक्षा नीति से देश को
नॉलेज सुपर पावर बनाएं। शैक्षिक संस्थानों की जिम्मेदारी बड़ी है। तकनीकी
संस्थान अन्वेषण, नवाचार और उद्यमशीलता से छात्रों को जॉब ढूंढने की जगह
जॉब देने वाला बनाएं।
कानपुर
प्रवास के दूसरे दिन गुरुवार को हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी
(एचबीटीयू) के शताब्दी समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति ने कहा कि
एचबीटीयू का गौरवशाली इतिहास 20वीं सदी के आरंभ से ही शहर के औद्योगिक
विकास से सीधे जुड़ा है। मैनचेस्टर ऑफ द ईस्ट, लेदर सिटी ऑफ द वर्ल्ड,
इंडस्ट्रियल हब जैसी उपलब्धि एचबीटीयू की टेक्नोलॉजी और मानव संसाधन से ही
संभव हो सका है। संस्थान की राष्ट्रीय, अन्तरराष्ट्रीय पहचान पेंट, ऑयल,
फूड टेक्नोलॉजी आदि से है। वर्ष 2016 में इसे विश्वविद्यालय का दर्जा दे
दिया गया। इससे रिसर्च और शिक्षा के स्तर में • सुधार आएगा। नई शिक्षा नीति
में त्रिभाषा सूत्र का प्रावधान है। इससे छात्रों में सृजनात्मकता बढ़ेगी।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की में सोच के अनुसार भारतीय भाषाओं में तकनीक,
अनुसंधान और वैज्ञानिकता को बढ़ावा मिलेगा। इनोवेशन को बढ़ावा देना होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि इनोवेशन और टेक्नोलॉजी को प्राथमिकता देने वाले ही
दुनिया में आगे रहेत हैं। अपने देशवासियों को भविष्य की चुनौतियों का सामना
करने के लिए तैयार करते हैं। 1990 के बाद जन्म लेने वाले यानी 31 साल से
कम उम्र के युवाओं ने 1000 करोड़ रुपए की एसेट अर्जित कर मिलेनियर क्लब में
अपना स्थान बनाया है।
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