प्रयागराज :- राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अक्टूबर में नियुक्ति
पाए हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषय के सहायक अध्यापकों का वेतन शैक्षिक
अभिलेखों के सत्यापन में अटक गया है। नवंबर में दीपावली पर 100 रुपये के
स्टांप पर शपथपत्र लेकर वेतन निर्गत किया गया था, लेकिन अभी तक सत्यापन
पूरा नहीं होने पर वेतन फिर अटक गया है। शिक्षकों का कहना है कि सत्यापन
में देरी के कारण उनके साथ अन्याय नहीं किया जाना चाहिए।
उत्तर
प्रदेश लोक सेवा आयोग ने राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में रिक्त पदों के
लिए भर्ती परीक्षा कराई थी। हिंदी और सामाजिक विषय को छोड़कर अन्य विषयों
के सहायक अध्यापकों को मार्च में नियुक्ति मिली थी, लेकिन शैक्षिक अभिलेखों
के सत्यापन बोर्ड व विश्वविद्यालयों से नहीं होने पर वेतन नहीं दिया गया
था। उस समय होली पर्व पर वेतन की मांग उठाई गई तो नवनियुक्त शिक्षकों को
100 रुपये के स्टांप पेपर पर शपथपत्र लेकर वेतन दिया गया था । शिक्षकों ने
यह लिखकर दिया था कि उनके शैक्षिक अभिलेख सही हैं। अगर कोई गड़बड़ी मिलेगी
तो वह जिम्मेदार होंगे। एक माह के बाद फिर वेतन रोकने के बात आई तो
नवनियुक्त शिक्षक माध्यमिक शिक्षा निदेशक से मिले। उन्होंने निर्देश दिया
था कि सत्यापन कार्य जिला विद्यालय निरीक्षक कराते रहेंगे और किसी शिक्षक
का वेतन नहीं रोका जाएगा। अब हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषय में 250 से
अधिक सहायक अध्यापकों को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से अक्टूबर में नियुक्ति
मिली तो शैक्षिक अभिलेख के सत्यापन की वही समस्या फिर आ खड़ी हुई। दीपावली
के उपलक्ष्य में शपथपत्र लेकर एक माह क वेतन दिया गया। अब फिर वेतन अटक गया
है। शिक्षकों ने समस्य राजकीय शिक्षक संघ के समक्ष रखी। संघ के प्रांतीय
महामंत्री रामेश्वर प्रसाद पाण्डेय के मुताबिक जब पूर्व में निदेशक के आदेश
पर सत्यापन कराए जाते रहने और वेतन दिए जाने की व्यवस्था बनाई गई थी तो उस
अनुरूप वेतन भुगतान किय जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि क बार वेतन मद का
पैसा विलंब से आने पर वेतन प्रभावित होता है, लेकिन वर्तमान में बजट उपलब्ध
है, ऐसे में वेतन निर्गत किया जान चाहिए। उधर, संघ की अध्यक्ष छाया शुक्ला
ने माध्यमिक शिक्ष निदेशक से मिलकर यह मामल रखा, जिस पर उन्होंने अपर मुख
सचिव माध्यमिक शिक्षा के आदेश पर वेतन निर्गत किए जाने की बात कही। इस
मामले को लेकर संघ अध्यक्ष लखनऊ में अपर मुख्य सचिव से मुलाकात करेंगी,
ताकि शिक्षकों के वेतन भुगतान की व्यवस्था हो सके।
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