सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में कहा है कि नियमित नियुक्ति और अनुकंपा नियुक्ति के तहत कर्मचारियों के लिए दो अलग-अलग पे-स्केल नहीं हो सकते। कोर्ट ने कहा कि जैसे ही कोई व्यक्ति एक निश्चित पद पर नियुक्त किया जाता है तो वह उस पद का वेतनमान पाने का अधिकारी होता है, चाहे वह अनुकंपा नियुक्ति के आधार पर ही क्यों न नियुक्त हुआ हो। यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दी और हाई कोर्ट के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया।
इलाहाबाद
हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने पति की मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति में
आफिसर आन स्पेशल ड्यूटी नियुक्त की गई महिला को उस पद के लिए तय वेतनमान
देने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार ने महिला को आफिसर आन स्पेशल ड्यूटी
पद पर नियुक्ति तो दी थी, लेकिन उसे उस पद के लिए तय वेतनमान से कम वेतन
दिया जा रहा था। महिला को 6,500-10,500 का वेतनमान दिया जा रहा था, जबकि इस
पद के लिए निर्धारित वेतनमान 8,000-13,500 रुपये था। हाई कोर्ट ने आफिसर
आन स्पेशल ड्यूटी पद के लिए निर्धारित वेतनमान दिलाए जाने की महिला की मांग
स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को 8,000- 13,500 का वेतनमान देने का
निर्देश दिया था। इसके बाद प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति
याचिका दाखिल की थी।
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