नई दिल्ली : तेजी से फैलती कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को इससे निपटने की तैयारियों का जायजा लिया। प्रधानमंत्री ने जिला स्तर पर स्वास्थ्य ढांचे को तैयार करने का निर्देश दिया। किशोरों के साथ-साथ सोमवार से शुरू हो रहे फ्रंटलाइन वर्कर, स्वास्थ्यकर्मी और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को सतर्कता डोज लगाने के अभियान को मिशन मोड पर पूरा करने को कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों में हालात की समीक्षा के लिए जल्द ही मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई जाएगी। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के साथ-साथ गृह, स्वास्थ्य, फार्मा व अन्य मंत्रलय के सचिव और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
बैठक
में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने देश-विदेश में ओमिक्रोन
वैरिएंट के कारण कोरोना के बढ़ते मामलों की जानकारी दी। उन्होंने इस
वैरिएंट की संक्रामकता और गंभीरता को लेकर दुनिया भर के अनुभवों को भी साझा
किया। भूषण ने प्रधानमंत्री को बताया कि कोरोना पैकेज-दो के तहत राज्यों
में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया गया है। राज्यवार विस्तृत ब्योरा भी पेश
किया। इस पर प्रधानमंत्री ने जिला स्तर पर स्वास्थ्य ढांचे को तीसरी लहर
से निपटने के लिए तैयार करने और इसमें राज्यों की मदद करने का निर्देश
दिया।
केवल सात दिन के भीतर 31 प्रतिशत किशोरों
को टीके की पहली डोज लगाने की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने इसे मिशन मोड
पर जल्द से जल्द पूरा करने को कहा। तीन जनवरी से अब तक करीब ढाई करोड़ डोज
उन्हें लगाई जा चुकी है। प्रधानमंत्री ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में
स्वास्थ्यकर्मियों, और फ्रंटलाइन वर्कर की भूमिका की तारीफ की और सोमवार से
शुरू होने जा रहे सतर्कता डोज को भी मिशन मोड पर पूरा करने को कहा।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का स्वरूप बदल रहा है इसलिए जांच, टीकाकरण और
दवा के क्षेत्र में शोध की जरूरत है। उन्होंने जीनोम सीक्वेंसिंग का दायरा
बढ़ाने को कहा। सामान्य बीमारियों के इलाज पर ध्यान देने की जरूरत बताते
हुए पीएम ने कहा कि इसके लिए बंदोबस्त किए जाएं। उन्होंने ग्रामीण
क्षेत्रों में टेलीमेडिसीन का इस्तेमाल करने को कहा।
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