सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति
(एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को प्रोन्नति (प्रमोशन) में आरक्षण
प्रदान करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा।
शीर्ष अदालत ने 26 अक्टूबर 2021 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
जस्टिस
एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने इस मामले
में अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल, अतिरिक्त सालिसिटर जनरल बलबीर सिंह और
विभिन्न राज्यों की ओर से पेश हुए अन्य वरिष्ठ वकीलों सहित सभी पक्षों को
सुना है। केंद्र ने पीठ से कहा था कि यह सत्य है कि देश की आजादी के करीब
75 साल में भी एससी/एसटी समुदाय के लोगों को अगड़े वगोर्ं के समान मेधा के
स्तर पर नहीं लाया गया है। वेणुगोपाल ने दलील दी थी एससी और एसटी समुदाय के
लोगों के लिए ग्रुप ‘ए’ श्रेणी की नौकरियों में उच्चतर पद हासिल करना कहीं
अधिक मुश्किल है। अब वक्त आ गया है कि रिक्तियों को भरने के लिए शीर्ष
न्यायालय को एससी, एसटी व ओबीसी के वास्ते कुछ ठोस आधार देना चाहिए।
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