प्रयागराज : गजब विडंबना है। भर्ती पूरी तो हो गई, लेकिन दस वर्ष में पूरी होने से नतीजा यह निकला कि चयन होने के बावजूद करीब 50 एडेड माध्यमिक विद्यालयों को प्रधानाचार्य नहीं मिले। सौ से ज्यादा संख्या ऐसी है, जिनका चयन सेवानिवृत्त हो जाने के बाद हुआ। ऐसे में न तो अभ्यर्थियों की मंशा पूरी हुई और न विद्यालयों की जरूरत। यह हकीकत है अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालय के लिए वर्ष 2011 की प्रधानाचार्य भर्ती की। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने यह भर्ती निकाली थी।
इसमें
943 पद थे। उस समय साक्षात्कार के लिए सूचना देने के 21 दिन बाद
साक्षात्कार का नियम था, लेकिन इस तय अवधि के पहले छह मंडलों मुरादाबाद,
गोरखपुर, मेरठ, चित्रकूट, अयोध्या और बस्ती के साक्षात्कार करा लिए गए। इसी
को आधार बनाकर वर्तमान चयन बोर्ड ने इन छह मंडलों का चयन निरस्त कर नए
सिरे से साक्षात्कार कराने का निर्णय लिया था, जिसे कोर्ट ने नहीं माना।
कोर्ट
की फटकार के बाद चयन बोर्ड विवश हुआ और पूर्व के साक्षात्कार के आधार पर
पिछले दिनों दो चरण में परिणाम जारी किया। इतने लंबे अंतराल के बाद परिणाम
आने से लगभग हर पैनल में ऐसे अभ्यर्थी चयनित हुए हैं, जो सेवानिवृत्त हो
चुके हैं। वह अब व्यवस्था को कोस रहे हैं और कह रहे हैं कि समय पर भर्ती
पूरी हुई होती तो उनके वेतनमान व सम्मान दोनों में वृद्धि हुई होती। चयन
बोर्ड ने करीब 400 पदों का जो परिणाम जारी किया, उसमें एक पद पर मेरिट के
वरीयता क्रम में तीन अभ्यर्थियों का चयन इसलिए किया गया कि एक नंबर के
अभ्यर्थी के न ज्वाइन करने पर दूसरे और दूसरे के न करने पर तीसरे नंबर पर
चयनित अभ्यर्थी ज्वाइन कर सकें। इस परिणाम में कई विद्यालयों में चयनित
तीनों अभ्यर्थी सेवानिवृत्त हो गए हैं।
उदाहरण
के लिए एक नाम है किसान इंटर कालेज परशुरामपुर, बस्ती का। इसमें पहले नंबर
पर गाजीपुर के डा. प्रभू नारायण सिंह यादव का चयन हुआ। दूसरे नंबर पर
देवरिया के सिद्धेश नाथ मिश्र चयनित हुए। तीसरे नंबर पर बिजनौर के बन्धू
प्रसाद गौड़ का चयन हुआ। यह तीनों चयनित अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
अब
यह पद नए अधियाचन की भर्ती से भरा जा सकेगा। इसके अलावा हमीरपुर के नेशनल
इंटर कालेज मौदहा में पहले और दूसरे नंबर पर चयनित क्रमश: सरोज कुमार
गुप्ता व आनंद किशोर लाल सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बांदा के पं. जवाहर लाल
नेहरू इंटर कालेज में पहले नंबर पर चयनित डा. विनोद कुमार उपाध्याय
सेवामुक्त हो चुके हैं। चित्रकूट के संकट मोचन इंटर कालेज बछरन, कर्बी में
पहले नंबर पर शिवशंकर निगम का चयन हुआ, लेकिन वह सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
यही स्थिति कई और जिलों में बनी है।
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