श्रावस्ती सिरसिया क्षेत्र को शिक्षा व्यवस्था बदहाल है। यहां कई विद्यालयों में तैनात शिक्षक या तो समय से विद्यालय नहीं आते या फिर अधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर लगाते रहते हैं। इससे छात्रों को गुरुजी के आने का घंटों इंतजार करना पड़ता है।
शिक्षा
के मामले में श्रावस्ती देश व प्रदेश के अति पिछड़ों जिलों में शामिल है।
वहीं, सिरसिया विकास क्षेत्र जिले में सबसे पोछे है। इस पिछड़ेपन को दूर
करने के लिए यहां परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षक भी रुचि नहीं ले रहे
हैं। अधिकारियों की हीलाहवाली के कारण जहाँ तमाम शिक्षक समय से विद्यालय
नहीं आते वहीं कई शिक्षक अधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर लगाते रहते
हैं। ऐसा ही कुछ सोमवार को सिरसिया के प्राथमिक विद्यालय हररेवा तराई में
देखने को मिला जहां सुबह 9.25 तक विद्यालय का ताला नहीं खुला था आसपास
मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि यहां के अध्यापकों
का
जब मन होता है तभी विद्यालय खोलते है। विद्यालय में दो शिक्षक व एक
शिक्षामित्र की नियुक्ति है। हेमंत कुमार पांडे प्रभारी अध्यापक, शिवम
मित्तल सहायक अध्यापक व रीतू श्रीवास्तव शिक्षामित्र हैं। ये लोग न तो समय
से विद्यालय खोलते हैं और न ही कोविड गाइडलाइन का पालन करते हैं। यही
स्थिति सिरसिया के प्राथमिक विद्यालय जानकीनगर कला की भी है जहां बच्चे तो
दूर गुरुजी भी बगैर मारक कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
0 comments:
Post a Comment