वाराणसी: डीबीटी को लेकर दी गईं जिम्मेदारियां शिक्षकों के लिए सिरदर्द बन गई है। पहले हजारों बच्चों की डेटा इंट्री के बाद शिक्षकों को उनके अभिभावकों के एकाउंट की आधार सीडिंग का काम भी दिया गया। हाल यह कि शिक्षक घुन जैसे पिस रहे हैं। उनका आरोप है कि खातों की आधार सीडिंग में बैंक ढिलाई बरत रहे हैं और नोटिस शिक्षकों को थमाई जा रही है।
परिषदीय
स्कूलों में बच्चों को ड्रेस, जूता-मोजा, स्कूल बैग आदि के लिए शासन की
तरफ से सीधे 1100 रुपये भेजने की व्यवस्था की गई थी। डीबीटी (डायरेक्ट
बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए सभी बच्चों के अभिभावकों के बैंक खातों की डिटेल
अपलोड कर इनकी आधार सीडिंग भी कराई जानी थी। पिछले दो दिनों में पिंडरा और
चिरईगांव ब्लॉक के 29 और 23 स्कूलों को डीबीटी में लापरवाही पर नोटिस जारी
की गई है।
प्रकरण
पर बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि जिले में लगभग 10 हजार बच्चों की आधार
सीडिंग बाकी है। 4500 मामले बैंकों के कारण लंबित हैं तो लगभग पांच हजार
में शिक्षकों की तरफ से गड़बड़ी हुई है। शिक्षक अपनी तरफ से काम पूरा करें।
बैंकों की लापरवाही सामने आई तो जिला प्रशासन के संज्ञान में लाकर उचित
कार्रवाई की मांग की जाएगी।
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