रक्षा मंत्रालय ने निजी स्कूलों के साथ सहभागिता में 21 सैनिक स्कूलों की स्थापना को मंजूरी दी है। ये स्कूल मई 2022 से शुरू होंगे। यूपी, बिहार, उत्तराखंड व हरियाणा में एक-एक नए स्कूलों को मंजूरी दी गई है। सरकार ने बजट भाषण में निजी भागीदारी में कुल सौ सैनिक स्कूल खोलने का ऐलान किया था।
रक्षा
मंत्रालय ने कहा कि जिन 21 स्कूलों को मंजूरी मिली है उनमें 17 पहले से चल
रहे हैं। यानी उन्हें सैनिक स्कूलों के रूप में बदला जाएगा। चार स्कूल नए
स्थापित होंगे। 12 स्कूल एनजीओ, ट्रस्ट और सोसायटी द्वारा संचालित होंगे।
छह निजी स्कूलों द्वारा तथा तीन राज्य सरकारों द्वारा खोले जाएंगे। नए
सैनिक स्कूलों में सात में डे केयर की सुविधा होगी जबकि शेष 14 स्कूलों में
आवासीय व्यवस्था भी होगी।
इटावा, देहरादून व
समस्तीपुर में स्थापना :नए स्कूलों में यूपी के इटावा में विकास लोक सेवा
समिति के स्कूल माउंट लिट्रेरा जी स्कूल को, उत्तराखंड के देहरादून में
जीआरडी वर्ल्ड स्कूल भौवाला, बिहार के समस्तीपुर में सुंदरी देवी सरस्वती
विद्या मंदिर और हरियाणा के फतेहाबाद में ओम विष्णु एजुकेशन सोसायटी के
स्कूल को सैनिक स्कूल के रूप में स्थापित करने की अनुमति दी गई है।
नियमों
के अनुरूप होगा संचालन : देश में अभी 33 सैनिक स्कूल हैं,जो रक्षा
मंत्रालय की सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा संचालित हैं। ये स्कूल पूरी तरह से
आवासीय हैं। सभी नए स्कूलों को सैनिक स्कूल सोसायटी के नियमों के अनुरूप
ही संचालित किया जाएगा। नए सैनिक स्कूलों में भी कक्षा छह से नामांकन होगा।
40 नामांकन ऑल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेस एग्जाम के आधार पर होंगे। शेष
60 बच्चों का चयन उसी स्कूल में पढ़ रहे बच्चों में से होगा। लेकिन इसके
लिए भी एक टेस्ट होगा जिसकी सूचना अलग से जारी की जाएगी।
केंद्र की तरफ से 50 फीसदी बच्चों को मदद
नए
सैनिक स्कूलों में 50 फीसदी बच्चों को केंद्र सरकार की तरफ से आर्थिक
सहायता प्रदान की जाएगी, जो अधिकतम 40 हजार रुपये सालाना तक होगी। सरकार ने
कहा कि शेष सैनिक स्कूलों की स्थापना के लिए भी प्रक्रिया चल रही है।
उन्हों भी जल्द से जल्द खोला जाएगा।
निजी भागीदारी से इन राज्यों में खुलेंगे स्कूल
निजी
क्षेत्र की भागीदारी के साथ ये 21 नए सैनिक स्कूल उत्तर प्रदेश,
उत्तराखंड, बिहार, पंजाब, राजस्थान के अलावा आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश,
असम, छत्तीसगढ़, दादरा नगर हवेली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश,
कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, नागालैंड, ओडिशा, तेलंगाना और
तमिलनाडु में खोले जाएंगे।
भविष्य के लिए बेहतर मौके देना है मकसद
रक्षा
मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इन सैनिक
स्कूल स्थापित करने के विजन के पीछे का उद्देश्य छात्रों को राष्ट्रीय
शिक्षा नीति के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। इसके साथ ही छात्रों
को सशस्त्रत्त् बलों में शामिल होने सहित करियर के बेहतर मौके प्रदान करना
है
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