सोनभद्र डीबीटी स्कीम का लाभ लेने के बाद भी बच्चों के यूनिफॉर्म और स्कूली बैग आदि न खरीदने वाले अभिभावकों की जांच की जाएगी। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग डाटा जुटाएगा। इसमें यह देखा जाएगा कि इसके तहत अभिभावकों के खाते में भेजी गई धनराशि का उपयोग सही हुआ था नहीं। इसके लिए बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है।
जिले
के 2061 परिषदीय विद्यालयों में करीब 2.70 लाख छात्र-छात्राएं नामांकित
हैं। सरकार परिषदीय स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को मुफ्त में भोजन के साथ
ही जूता-मोजा बैग, ड्रेस आदि देती है। पूर्व में शिक्षकों और ग्राम
प्रधानों के माध्यम से बच्चों को यूनिफार्म आदि दिया जाता था। अब सरकार ने
डीबीटी के जरिये हर बच्चे के अभिभावक के खाते में सीधे धनराशि भेजना शुरू
कर दिया है अब तक पंजीकृत करीब दो लाख 38 हजार बच्चों के अभिभावकों के खाते
में 1100-1100 रुपये भेजी जा चुकी है। शेष बच्चों का आधार से खाता लिंक न
होने से धनराशि नहीं जा पाई है। नक्सल-दुरुह क्षेत्रों के हजारों अभिभावक
धनराशि मिलने के बाद भी बच्चों को यूनिफार्म आदि नहीं खरीद रहे हैं। बगैर
यूनिफार्म पहने बच्चे स्कूल जा रहे हैं। हालांकि बीएसए ने खंड
शिक्षाधिकारियों को धनराशि मिलने के बाद भी यूनिफार्म आदि क्रय नहीं करने
वाले अभिभावकों को चिस्मित कर क्रय करवाने का निर्देश दिया है।
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