बागपत। 24 मार्च से शुरू हो रही यूपी बोर्ड की परीक्षा में 100 से अधिक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के पूरे स्टाफ की ड्यूटी लगा दी गई है। शिक्षकों की डयूटी में संशोधन न होने पर विद्यालयों को बंद करना पड़ सकता है इससे स्कूलों में दो साल बाद हो रही वार्षिक परीक्षा प्रभावित हो सकती है। बीएसए ने जिला विद्यालय निरीक्षक को ड्यूटी में संशोधन करते हुए एक स्कूल के अधिकतम 50 प्रतिशत स्टाफ की ही ड्यूटी लगवाने के लिए शिक्षकों की सूची भेजी है।
बोर्ड
परीक्षा में पारदर्शिता बनाने के लिए इस बार कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति
माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से ऑनलाइन की गई है। निरीक्षकों की नियुक्ति
के लिए माध्यमिक, राजकीय और बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों का ब्यौरा
परिषद की बेबसाइट पर ऑनलाइन अपलोड कराया गया था। परिषद की और से 100 से
अधिक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों का पूरा स्टाफ को कक्ष निरीक्षक
नियुक्त कर दिया गया है। शिक्षकों की बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी लगने से
विद्यालयों में बंद करना पड़ सकता है, जिससे हजारों छात्रों की परीक्षा भी
प्रभावित हो सकती है। उधर, उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राकेश
यादव व जिला मंत्री राजकुमार शर्मा और पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के
जिलाध्यक्ष विकास मलिक ने बीएसए व डीआईओसर को ज्ञापन देकर 60 प्रतिशत स्टाफ
को छोड़कर अन्य शिक्षकों की ड्यूटी लगाने की मांग की है।
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