स्कूलों को संविलियन और कंपोजिट श्रेणी में शामिल करने के बाद भी समस्या जस की तस
धामपुर
नगर क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों का टोटा है। शिक्षकों की कमी के कारण
अधिकांश स्कूल शिक्षामित्रों के भरोसे चल रहे हैं। नगर क्षेत्र में 12
प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल संचालित हैं। शिक्षकों की कमी को देखते हुए
इनमें से कई प्रथमरी स्कूलों को मिलाकर संविलियन और कंपोजिट विद्यालय बना
दिए गए ऐसा किए आने से अब स्कूलों की संख्या 12 से घटकर सात तो हो गई पर
अभी भी कई ऐसे स्कूल हैं, जो केवल शिक्षामित्रों के भरोसे चल रहे हैं।
नगर
क्षेत्र में कुल 12 प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल संचालित हैं इनमें
स्कूलों में चार प्राइमरी स्कूल शिवाजी, तिलक, गोपाल कृष्ण गोखले और सुभाष
प्राइमरी स्कूल, खंड शिक्षा अधिकारी धानपुर के कार्यालय परिसर में संचालित
हैं। इन सभी स्कूलों को अब एक संविलियन स्कूल में शामिल कर
दिया
है। इन चारों स्कूलों को मिलाकर इनमें 60 बच्चे पंजीकृत हैं। इन बच्चों को
पढ़ाने को तोन शिक्षक और दो शिक्षामित्र तैनात है। कन्या पूर्व माध्यमिक
विद्यालय और लक्ष्मीबाई प्राथमिक विद्यालय को कंपोजिट विद्यालय में शामिल
कर दिया गया है। इन दोनों स्कूलों में 36 बच्चे पंजीकृत हैं। बिना है कि
नगर क्षेत्र में शिक्षकों का टोटा होने से इस कंयोजिट स्कूल को केवल एकल
शिक्षामित्र के भरोसे हैं। इस स्कूल में कोई और शिक्षक की तैनाती नहीं है।
नगर के सरस्वती प्राथमिक विद्यालय में 15 बच्चे पंजीकृत हैं। इस विद्यालय
में एक भी शिक्षक, शिक्षामित्र की तैनाती नहीं है। इस स्कूल में बच्चों को
पढ़ाने को व्यवस्था के तहत दूसरे स्कूलों के एक-एक शिक्षक की व्यवस्था की
जा रही है। सरोजनी नायडू और आदर्श प्राथमिक विद्यालय में केवल 14 बच्चे
पंजीकृत हैं, यह स्कूल भी केवल एक शिक्षामित्र के भरोसे चल रहा है। कमला
नेहरू प्राथमिक विद्यालय में 35 बच्चों को पढ़ाने के में लिए केवल एक ही
शिक्षामित्र कार्यरत है।
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