बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले दो करोड़ से अधिक बच्चों को
एक जुलाई से मुफ्त किताबें बांटी जाएंगी। इस संबंध में सचिव बेसिक शिक्षा
नीतीश्वर कुमार ने विभागीय आदेश जारी कर दिया है।
इसके मुताबिक बच्चों को सेट बनाकर किताबें न देकर जैसे-जैसे छपकर आएंगी, बांटी जाएंगी। किताबों की छपाई के लिए न्यूनतम टेंडर देने वाले प्रकाशक को ठेका दिया जाएगा।
प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 8 तक के बच्चों को मुफ्त पुस्तकें देने की व्यवस्था है। इस योजना के तहत बच्चों को स्कूल खुलने के साथ ही किताबें दी जाती हैं।
राज्य सरकार चाहती थी कि इस बार बच्चों को टुकड़ों में किताबें न देकर सेट बनाकर दी जाएं। इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशालय ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था।
शासन स्तर से इसे वित्त विभाग को मंजूरी के लिए भेजा गया था, लेकिन इस पर मंजूरी नहीं मिली। इसके बाद शासन स्तर पर यह तय हुआ कि पुरानी नीति के आधार पर ही किताबें छापकर बच्चों को दी जाएं।
उर्दू मीडियम की भी किताबें
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में बच्चों को हिंदी और उर्दू मीडियम की किताबें उनकी जरूरत के आधार पर दी जाएंगी। जो बच्चा उर्दू मीडियम में उसे उर्दू और जो हिंदी मीडियम उसे हिंदी की किताबें दी जाएंगी।
इसके मुताबिक बच्चों को सेट बनाकर किताबें न देकर जैसे-जैसे छपकर आएंगी, बांटी जाएंगी। किताबों की छपाई के लिए न्यूनतम टेंडर देने वाले प्रकाशक को ठेका दिया जाएगा।
प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 8 तक के बच्चों को मुफ्त पुस्तकें देने की व्यवस्था है। इस योजना के तहत बच्चों को स्कूल खुलने के साथ ही किताबें दी जाती हैं।
राज्य सरकार चाहती थी कि इस बार बच्चों को टुकड़ों में किताबें न देकर सेट बनाकर दी जाएं। इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशालय ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था।
शासन स्तर से इसे वित्त विभाग को मंजूरी के लिए भेजा गया था, लेकिन इस पर मंजूरी नहीं मिली। इसके बाद शासन स्तर पर यह तय हुआ कि पुरानी नीति के आधार पर ही किताबें छापकर बच्चों को दी जाएं।
उर्दू मीडियम की भी किताबें
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में बच्चों को हिंदी और उर्दू मीडियम की किताबें उनकी जरूरत के आधार पर दी जाएंगी। जो बच्चा उर्दू मीडियम में उसे उर्दू और जो हिंदी मीडियम उसे हिंदी की किताबें दी जाएंगी।
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