लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के जूनियर हाईस्कूल में
गणित की किताब का बोझ कम कर दिया गया है। जूनियर हाईस्कूल में पढ़ने वाले
छात्रों को गणित की अब एक किताब ही दी जाएगी। पहले दो किताबें दी जाती थीं।
बेसिक शिक्षा विभाग इसके आधार पर शीघ्र ही टेंडर खोलने वाला है। इसकी
अनुमति भी चुनाव आयोग से मिल गई है। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वालों को
जुलाई में स्कूल खुलते ही किताब देने की तैयारी है। इसके लिए जून के अंत तक
सभी ब्लाक संसाधन केंद्रों पर किताबें भेज दी जाएंगी। सर्व
शिक्षा अभियान के तहत बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा
8 तक बच्चों को मुफ्त किताब देने की व्यवस्था है। शिक्षा का अधिकार
अधिनियम लागू होने के बाद जहां 6 से 14 वर्ष के बच्चों की शिक्षा अनिवार्य
की गई है, वहीं फ्रेमवर्क फॉर इम्पिमिलेंटेशन में पाठ्यक्रम संशोधित करने
पर जोर दिया गया है। उबाऊ और रट्टू पद्धति पर आधारित पाठ्यक्रम को सरल और
रोचक बनाने की बात कही गई है। उत्तर प्रदेश में इसके आधार पर ही बेसिक
शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम के संशोधन की प्रक्रिया चल रही है। बेसिक शिक्षा
परिषद की बैठक में यह तय किया गया है कि कक्षा 6, 7 व 8 में चलने वाली अंक
गणित व रेखा-बीज गणित की किताब को मिलाकर एक कर दिया जाए। बेसिक
शिक्षा परिषद ने इसके आधार पर ही किताबों की छपाई का निर्देश दिया है।
विभागीय जानकारों की माने तो इन दो किताबों के स्थान पर एक किताब देने से
करीब 80 लाख रुपये की बचत होगी। वैसे विगत वर्ष से यह माथापच्ची चल रही थी
कि जूनियर हाईस्कूलों में गणित की एक किताब कर दी जाए, लेकिन उस समय इस पर
सहमति नहीं बन पाई थी, इस बार बन गई है। इसके पहले विगत वर्ष कक्षा 6 में
स्काउट गाइड, पर्यावरणीय अध्ययन तथा शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य नामक
किताबें तथा कक्षा 7 व 8 में पर्यावरणीय अध्ययन व शारीरिक शिक्षा और
स्वास्थ्य नामक किताबों को बच्चों को देने के बजाय पुस्तकालय में रखने पर
निर्णय हो चुका है। मौजूदा समय कक्ष 1 में
एक, कक्षा 2 में दो, कक्षा 3 में पांच, कक्षा 4 व 5 में छह-छह, कक्षा 6 में
14 और कक्षा 7 व 8 में 13-13 किताबें बच्चों को मुफ्त में दी जा रही हैं। किस कक्षा में कितने बच्चों को किताबें कक्षा
एक में 4598360, कक्षा दो में 4351438, कक्षा तीन में 4034835, कक्षा चार
में 3482113, कक्षा पांच में 3048893, कक्षा छह में 1892045, कक्षा सात में
1653721 तथा कक्षा आठ में 1394615 बच्चों को किताबें दी जानी हैं। चुनाव आयोग ने टेंडर खोलने की दी अनुमति
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जूनियर हाईस्कूल में अब गणित की एक किताब
07 April, 2014
जूनियर हाईस्कूल में अब गणित की एक किताब
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के जूनियर हाईस्कूल में
गणित की किताब का बोझ कम कर दिया गया है। जूनियर हाईस्कूल में पढ़ने वाले
छात्रों को गणित की अब एक किताब ही दी जाएगी। पहले दो किताबें दी जाती थीं।
बेसिक शिक्षा विभाग इसके आधार पर शीघ्र ही टेंडर खोलने वाला है। इसकी
अनुमति भी चुनाव आयोग से मिल गई है। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वालों को
जुलाई में स्कूल खुलते ही किताब देने की तैयारी है। इसके लिए जून के अंत तक
सभी ब्लाक संसाधन केंद्रों पर किताबें भेज दी जाएंगी। सर्व
शिक्षा अभियान के तहत बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा
8 तक बच्चों को मुफ्त किताब देने की व्यवस्था है। शिक्षा का अधिकार
अधिनियम लागू होने के बाद जहां 6 से 14 वर्ष के बच्चों की शिक्षा अनिवार्य
की गई है, वहीं फ्रेमवर्क फॉर इम्पिमिलेंटेशन में पाठ्यक्रम संशोधित करने
पर जोर दिया गया है। उबाऊ और रट्टू पद्धति पर आधारित पाठ्यक्रम को सरल और
रोचक बनाने की बात कही गई है। उत्तर प्रदेश में इसके आधार पर ही बेसिक
शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम के संशोधन की प्रक्रिया चल रही है। बेसिक शिक्षा
परिषद की बैठक में यह तय किया गया है कि कक्षा 6, 7 व 8 में चलने वाली अंक
गणित व रेखा-बीज गणित की किताब को मिलाकर एक कर दिया जाए। बेसिक
शिक्षा परिषद ने इसके आधार पर ही किताबों की छपाई का निर्देश दिया है।
विभागीय जानकारों की माने तो इन दो किताबों के स्थान पर एक किताब देने से
करीब 80 लाख रुपये की बचत होगी। वैसे विगत वर्ष से यह माथापच्ची चल रही थी
कि जूनियर हाईस्कूलों में गणित की एक किताब कर दी जाए, लेकिन उस समय इस पर
सहमति नहीं बन पाई थी, इस बार बन गई है। इसके पहले विगत वर्ष कक्षा 6 में
स्काउट गाइड, पर्यावरणीय अध्ययन तथा शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य नामक
किताबें तथा कक्षा 7 व 8 में पर्यावरणीय अध्ययन व शारीरिक शिक्षा और
स्वास्थ्य नामक किताबों को बच्चों को देने के बजाय पुस्तकालय में रखने पर
निर्णय हो चुका है। मौजूदा समय कक्ष 1 में
एक, कक्षा 2 में दो, कक्षा 3 में पांच, कक्षा 4 व 5 में छह-छह, कक्षा 6 में
14 और कक्षा 7 व 8 में 13-13 किताबें बच्चों को मुफ्त में दी जा रही हैं। किस कक्षा में कितने बच्चों को किताबें कक्षा
एक में 4598360, कक्षा दो में 4351438, कक्षा तीन में 4034835, कक्षा चार
में 3482113, कक्षा पांच में 3048893, कक्षा छह में 1892045, कक्षा सात में
1653721 तथा कक्षा आठ में 1394615 बच्चों को किताबें दी जानी हैं। चुनाव आयोग ने टेंडर खोलने की दी अनुमति
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