इलाहाबाद (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग
की ओर से रविवार को आयोजित लोअर सबऑर्डिनेट-2013 प्रारंभिक परीक्षा में 56
फीसदी अभ्यर्थी ही शामिल हुए। इस तरह से कुल साढ़े चार लाख में से तकरीबन
दो लाख परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। इसके पीछे कारण दूसरे जिलों में
परीक्षा केंद्र बनाने तथा गर्मी को माना जा रहा है। भीड़ बढ़ने तथा बस कम
होने से परीक्षार्थियों को समस्याएं तो झेलनी ही पड़ीं, कठिन पेपर से भी
उनके पसीने छूटे।
इलाहाबाद के अभ्यर्थियों
को लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद आदि जिलों में भेज दिया गया था तो दूसरे जनपद
के लोगों को यहां सेंटर एलाट किया गया। इससे रेलवे तथा बसों में अचानक भीड़
बढ़ गई।
मुश्किल यह कि लोकसभा चुनाव के
लिए भी बसें अधिग्रहीत कर ली गई हैं। इतना ही नहीं भीड़ की वजह से बड़ी
संख्या में अभ्यर्थियों को रेलवे स्टेशन, सड़क पर ही रात बितानी पड़ी।
कानपुर से परीक्षा देकर लौटे आशीष, रोहित आदि ने बताया कि होटल में जगह ही
नहीं मिली। परीक्षा देकर लौट रहे अभ्यर्थियों को भी काफी मुसीबत झेलनी
पड़ी। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के आलोक, निरंजन, पंकज आदि का कहना था कि
लौटते समय उन्हें बस में बैठने के लिए जगह नहीं मिली। इसलिए खड़े होकर आए।
पेपर
भी अपेक्षाकृत कठिन रहा। उम्मीद के विपरीत इसमें कृषि और भूगोल से अधिक
सवाल थे। गणित के भी कई सवाल थे। सवाल भी आसान नहीं थे। हर सवाल को हल करना
पड़ा। अभ्यर्थियों को 120 मिनट में 150 सवाल हल करने थे। ऐसे में गणित के
अधिक और लेंदी सवाल होने से टाइम मैनेजमेंट की चुनौती से जूझना पड़ा। आयोग
के परीक्षा नियंत्रक पीएन दुबे ने बताया कि कहीं से गड़बड़ी की शिकायत नहीं
है। प्रदेश के 22 जिलों में आठ सौ से अधिक केंद्र बनाए गए थे। इलाहाबाद
में 29 हजार अभ्यर्थियों के लिए 70 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।
News - Amar Ujala
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