हाईकोर्ट
द्वारा सहायक अध्यापक से समायोजन निरस्त किए जाने के बाद से शिक्षामित्र
आंदोलित हैं। वाराणसी जिला प्रशासन की ओर से इस आशय का एक पत्र
प्रधानमंत्री कार्यालय भेजा गया था, जहां से बुधवार रात सूचना मिली कि पीएम
शिक्षा मित्रों के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात को तैयार हैं।
वाराणसी के डीएम राजमणि यादव ने बताया कि पीएम ने शिक्षामित्रों के
प्रतिनिधिमंडल को मुलाकात का समय दे दिया है। शिक्षामित्र संयम से काम लें
और वाराणसी न आएं।
उधर मुख्यमंत्री अखिलेश
यादव ने साफ कर दिया है कि राज्य सरकार पूरी तरह से शिक्षामित्रों के साथ
है और उनके प्रति अन्याय नहीं होने देगी। मुख्यमंत्री ने बुधवार को मंत्री रामगोविंद चौधरी के माध्यम से शिक्षामित्रों को यह संदेश
कहलवाया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सोमवार सुबह 10 बजे शिक्षामित्रों को
अपने सरकारी आवास पर वार्ता के लिए बुलाया है। शिक्षामित्रों का छह सदस्यीय
प्रतिनिधिमंडल उनसे बातचीत करेगा। मुख्यमंत्री ने लखनऊ में आयोजित एक
कार्यक्रम में भी कहा कि राज्य सरकार शिक्षामित्रों के साथ है। नियमों के
दायरे में रहकर उन्हें हरसंभव राहत दिलाई जाएगी। अन्य राज्यों में
अधिकारियों की टीम भेजकर पता लगाया जाएगा कि वहां शिक्षामित्रों का समायोजन
कैसे किया गया है।
पूर्व की तरह काम करते रहेंगे शिक्षामित्र : रामगोविंद
"बेसिक
शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने शिक्षामित्रों को आश्वासन दिया है कि
शासन स्तर से जब तक कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं हो जाता है, शिक्षामित्र
पूर्व की तरह स्कूलों में पढ़ाते रहेंगे। हाईकोर्ट के आदेश की प्रति अभी
नहीं मिली है। प्रति मिलने के बाद इसका कानूनी परीक्षण कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होनी चाहिए।"
तीनों धड़े एकजुट, 28 को जंतर-मंतर पर धरना
शिक्षामित्रों
के तीनों धड़े हक को लेकर एकजुट हो गए हैं। सभी धड़ों ने प्राथमिक
संयुक्त संघर्ष मोर्चा उत्तर प्रदेश का गठन किया है। मोर्चा के
गाजी इमाम आला व जितेंद्र कुमार शाही ने बताया कि शिक्षामित्र 28 सितंबर
को दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना देंगे। इस दौरान मानव संसाधन विकास मंत्री
स्मृति ईरानी को ज्ञापन देकर यूपी के शिक्षामित्रों के साथ हो रहे भेदभाव
को समाप्त करने की मांग की जाएगी। वहीं, शिक्षामित्र अब स्कूलों में
तालाबंदी नहीं करेंगे। हालांकि विरोधस्वरूप कार्य बहिष्कार जारी रहेगा।
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