संयुक्त शिक्षा निदेशक बड़े अफसरों का निर्देश मानने
को तैयार नहीं हैं, बल्कि वह विभाग की फजीहत कराने का कोई मौका छोड़ नहीं
रहे हैं। शायद इसीलिए बिना सत्यापन के एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती में
नियुक्ति पत्र बांटे गए। तय समय में अभ्यर्थियों ने जब ज्वाइन करने नहीं
पहुंचे तो नियुक्ति पत्र रद करना पड़ा है। ऐसे मामले रह-रहकर सामने आ रहे
हैं, जबकि ऐसा करने से रोका जा चुका है। प्रदेश के राजकीय हाईस्कूल एवं
इंटर कालेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया लंबे समय से
जारी है। शासन ने पहले 6645 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला,
उसके सापेक्ष बड़ी तादाद में आवेदन भी आए, लेकिन अब तक उम्मीद के मुताबिक
पद नहीं भरे जा सके हैं। शासन न्यायालय के निर्देश पर 703 पद निरस्त कर
चुका है इसीलिए मात्र 5942 पदों पर ही नियुक्तियां चल रही है। कालेजों में
नियुक्ति की प्रक्रिया काफी धीमी थी व व्यवस्थाएं पारदर्शी न होने पर
प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार एवं शिक्षा निदेशक माध्यमिक
अमरनाथ वर्मा के निर्देश पर अफसरों ने तेजी जरूर दिखाई, लेकिन उसके सुखद
परिणाम सामने नहीं आ सके। भर्ती में गड़बड़ियों की भरमार है इसका अंदाजा
सिर्फ इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक करीब 1700 अभ्यर्थियों की नियुक्ति
निरस्त की जा चुकी है। तमाम प्रयासों के बाद भी नियुक्तियां पूरी होने का
नाम नहीं ले रही है। कब तक इसे पूरा किया जाएगा। इस संबंध में कोई जवाब
देने को तैयार नहीं है। बड़ी संख्या में नियुक्ति पत्र निरस्त होने और
जांच में अभिलेख फर्जी मिलने पर विभाग की जमकर फजीहत हुई। शिक्षा निदेशक
माध्यमिक वर्मा ने सभी संयुक्त शिक्षा निदेशकों को बीते 30 नवंबर को पत्र
भेजकर कहा कि बिना सत्यापन कराए नियुक्ति पत्र जारी न किए जाएं। उन्होंने
यह भी निर्देश दिया था कि सत्यापन की प्रक्रिया तेज कराई जाए, ताकि
भर्तियां पूरी हो जाएं। इस निर्देश के बाद भी इलाहाबाद समेत प्रदेश के कई
मंडलों में दिसंबर माह में मनमाने तरीके से नियुक्ति पत्र बांट दिए गए।
इसीलिए बाकी मंडलों में छिटपुट लेकिन इलाहाबाद में 82 नियुक्ति पत्र निरस्त
किए गए है। इसके बाद से हड़कंप मचा है।
News Source-Dainik Jagran
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