शीर्ष कोर्ट से तय भर्ती के मानक को पूरा नहीं कर रहे हैं 839 में से 346 प्रशिक्षु
शिक्षा अधिकारियों ने आचार संहिता का हवाला देकर नियुक्तियां
रोक दी हैं
परिषद ने 862 युवाओं को तदर्थ शिक्षक के रूप में
तैनाती दे दी
प्राथमिक स्कूलों में मौलिक नियुक्ति मांगने वाले कई युवा प्रशिक्षु शिक्षक
बनने के ही योग्य नहीं है। बेसिक शिक्षा परिषद ने कोर्ट में हलफनामा देकर
बताया है कि 839 में से 346 प्रशिक्षु शीर्ष कोर्ट से तय भर्ती के मानक को
पूरा नहीं कर रहे हैं। इसके बाद भी न्यायालय के आदेश को मानते हुए परिषद ने
पहले प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में तैनाती दी और बाद में शासन ने उनकी
मौलिक नियुक्ति का आदेश किया है। हालांकि बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने आचार
संहिता का हवाला देकर नियुक्तियां रोक दी हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के
प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक के रूप में नियुक्ति पाने के लिए तमाम युवाओं
ने न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। सात दिसंबर, 2015 को शीर्ष कोर्ट ने
निर्देश दिया था कि यदि याचिका करने वाले युवा शिक्षक बनने की अर्हता रखते
हैं तो उन्हें तैनाती दी जाए। कोर्ट में उस समय याचिका करने वालों की
संख्या 1100 बताई गई थी। इसके अनुपालन में परिषद ने 862 युवाओं को तदर्थ
शिक्षक के रूप में तैनाती दे दी थी, क्योंकि तब तक इतने ही आवेदन प्राप्त
हो सके थे। इन्हें प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011 के रूप में नियुक्ति मिली थी।
उनका छह माह का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद बीते 9 एवं 10 सितंबर 2016 को
परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने परीक्षा कराई और उसका परिणाम बीते छह
अक्टूबर को जारी किया गया। इसमें 839 प्रशिक्षु शिक्षक ही सफल हो सके,
लेकिन उन्हें तत्काल मौलिक नियुक्ति नहीं दी गई। अधिकारियों ने कहा कि
विशेष अनुज्ञा याचिका के तहत नियुक्त 839 शिक्षकों का प्रकरण अभी शीर्ष
कोर्ट में विचाराधीन है इसलिए उन्हें सहायक अध्यापक पद पर तैनात करने के
लिए शासन से अगला आदेश मिलने पर ही कार्यवाही होगी।
बीते तीन जनवरी को
बेसिक शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह ने परिषद के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
परिषद सचिव ने भी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को तदर्थ नियुक्ति देने के लिए
निर्देश जारी कर दिए, लेकिन आचार संहिता लागू होने से उनका प्रकरण फिर अधर
में लटक गया। याची से प्रशिक्षु शिक्षक बनने वाले युवाओं का प्रकरण फिर
चर्चा में आ गया है। आचार संहिता के कारण नियुक्ति रोके जाने पर कई युवा
हाईकोर्ट पहुंचे, हालांकि आयोग के अधिवक्ता ने स्पष्ट कर दिया कि इसमें
आचार संहिता बाधक नहीं है। इसी के साथ नियुक्त अभ्यर्थियों की अर्हता पर
चर्चा शुरू हो गई है। कोर्ट को बताया गया है कि बेसिक शिक्षा परिषद ने
हलफनामा देकर कहा है कि मौलिक नियुक्ति मांगने वाले 839 युवाओं में से 346
ऐसे हैं जो शीर्ष कोर्ट की तय अर्हता पूरी नहीं करते हैं।सामान्य वर्ग के
80 अभ्यर्थियों के अंक टीईटी में 70 फीसदी से कम हैं। आरक्षित वर्ग के 171
अभ्यर्थियों के टीईटी में 60 फीसदी से कम अंक हैं। यही नहीं, 95
अभ्यर्थियों ने प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती 2011 में आवेदन ही नहीं किया था।
ज्ञात हो कि शीर्ष कोर्ट ने 17 दिसंबर, 2014 को कहा था कि टीईटी में 70
फीसद अंक पाने वाले सामान्य वर्ग व 65 फीसदी अंक पाने वाले आरक्षित
अभ्यर्थियों को चयनित किया जाए। बाद में आरक्षित वर्ग के अंकों को घटाकर 60
फीसद कर दिया था। इससे यह नियुक्ति फिर विवादों के घेरे में
है।
News Source-Dainik Jagran
शिक्षक नियुक्ति :शिक्षक बनने के योग्य नहीं युवा प्रशिक्षु
Rating: 4.5
Diposkan Oleh: latestuptetnews
✍नोट:- latestuptetnews.blogspot.com पर सभी पब्लिश पब्लिश Google Search से लीं गयीं है. खबर का प्रयोग करने से पहले पाठक इन ख़बरों की वैधानिक पुष्टि अवश्य कर लें. इसमें ब्लॉग एडमिन की कोई जिम्मेदारी नहीं है. पाठक ख़बरे के प्रयोग हेतु खुद जिम्मेदार होगा.
Primary Ka Master
PRIMARY KA MASTER | UP PRIMARY KA MASTER | PRYMARYKAMASTER | PRIMARY KA MASTER COM | UPTET PRIMARY KA MASTER | UPTET NEWS | UPTET LATEST NEWS | UPTET HELP | UPTET BLOG | UP TET NEWS | UP KA MASTER | BASIC SHIKSHA NEWS | BASIC SHIKSHA PARISHAD | UP BASIC NEWS | BASIC SHIKSHA | UP BASIC SHIKSHA PARISHAD | UP BASIC SHIKSHA NEWS | PRIMARY KA MASTER CURRENT NEWS | PRIMARY MASTER | BASIC SHIKSHA NEWS TODAY | BASIC NEWS | PRIMARY KA MASTER NEWS | BASIC SHIKSHA PARISHAD NEWS | UP BASIC SHIKSHA | SUPER TET | प्राइमरी का मास्टर | बेसिक शिक्षा न्यूज
0 comments:
Post a Comment