उत्तर प्रदेश में करीब पौने दो लाख शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त किये जाने वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनबाई हुई। जस्टिस आदर्श कुमार गोयल व जस्टिस यूयू ललित की पीठ में सुनवाई करीब दो घंटे चली। सुनबाई लगभग 4.15 पर शुरू हुई और करीब 6.15 पर खत्म हुई। कोर्ट की पीठ कहा है कि अभी इस मामले पर और पक्षों को भी सुना जाना जरुरी है। जिससे फैसले देने में कोई परेशानी न हो
टैट पास शिक्षामित्रों की ओर से पेश हुए lawyer संजय त्यागी ने कहा कि UPTET पास शिक्षामित्रों को छूट दी जाए। उन्होंने कोर्ट में कहा कि ये शिक्षामित्रों पूरी तरह से योग्य हैं सहायक अध्यापक बनने के लिए और इन्होंने टेट परीक्षा भी उत्तीर्ण की है। 72826 शिक्षक भर्ती में भी इनका सिलेक्शन हो गया था लेकिन सरकार ने पहले से ही इन शिक्षामित्रों का समायोजन कर लिया था इसलिए शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद से नहीं हटाया जाए। इस पर जज साहब ने कहा कि आप टैट है। हम इसको नोट कर लेते हैं।
आज कोर्ट की पीठ जज साहब शिक्षामित्रों के वकीलों से सहमत नहीं हुऐ और टेट से छूट देने के पक्ष में नहीं हैं।
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सितंबर 2015 शिक्षामित्रों की नियुक्तियों को अवैध ठहरा दिया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर में इस आदेश को स्टे कर दिया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता शांतिभूषण और राम जेठमलानी ने शिक्षामित्रों की ओर से पिछली सुनवाई में बहस करते हुऐ कहा था कि सरकार को 18 वर्ष से काम कर रहे शिक्षामित्रों को एक पूल की तरह से देखने का अधिकार है। यह पूल एक भर्ती स्रोत है जिसे सहायक शिक्षकों को भर्ती करने के लिए इस्तेमाल करने में कोई कानूनी दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि वे पूरी तरह से योग्य और शैक्षणिक योग्यता में पूर्ण है। हाईकोर्ट ने उन्हें अयोग्य ठहराकर कर गलत किया है।
अतः सुनवाई 19 मई को दोपहर दो बजे से होगी।
टैट पास शिक्षामित्रों की ओर से पेश हुए lawyer संजय त्यागी ने कहा कि UPTET पास शिक्षामित्रों को छूट दी जाए। उन्होंने कोर्ट में कहा कि ये शिक्षामित्रों पूरी तरह से योग्य हैं सहायक अध्यापक बनने के लिए और इन्होंने टेट परीक्षा भी उत्तीर्ण की है। 72826 शिक्षक भर्ती में भी इनका सिलेक्शन हो गया था लेकिन सरकार ने पहले से ही इन शिक्षामित्रों का समायोजन कर लिया था इसलिए शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद से नहीं हटाया जाए। इस पर जज साहब ने कहा कि आप टैट है। हम इसको नोट कर लेते हैं।
आज कोर्ट की पीठ जज साहब शिक्षामित्रों के वकीलों से सहमत नहीं हुऐ और टेट से छूट देने के पक्ष में नहीं हैं।
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सितंबर 2015 शिक्षामित्रों की नियुक्तियों को अवैध ठहरा दिया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर में इस आदेश को स्टे कर दिया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता शांतिभूषण और राम जेठमलानी ने शिक्षामित्रों की ओर से पिछली सुनवाई में बहस करते हुऐ कहा था कि सरकार को 18 वर्ष से काम कर रहे शिक्षामित्रों को एक पूल की तरह से देखने का अधिकार है। यह पूल एक भर्ती स्रोत है जिसे सहायक शिक्षकों को भर्ती करने के लिए इस्तेमाल करने में कोई कानूनी दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि वे पूरी तरह से योग्य और शैक्षणिक योग्यता में पूर्ण है। हाईकोर्ट ने उन्हें अयोग्य ठहराकर कर गलत किया है।
अतः सुनवाई 19 मई को दोपहर दो बजे से होगी।
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