
दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के वकील ने कहा कि 50 हजार से ज्यादा पूरी योग्यता रखते हैं और वे टीईटी भी पास हैं। बीएड उम्मीदवारों के वकीलों ने दलील दी कि शिक्षक बनने के योग्य दो लाख से ज्यादा अभ्यर्थी हैं। उन्होंने कहा, शिक्षा के अधिकार कानून, 2010 लागू होने के बाद सरकार ने अब तक कोई ऐसा शपथपत्र पेश नहीं किया है, जिसमें यह आंकड़ा हो कि योग्य उम्मीदवार न होने से शिक्षामित्रों को रखना पड़ा था।
कोर्ट ने पहले क्या कहा था
पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी शिक्षामित्रों की नियुक्ति संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार नहीं है। उमादेवी फैसले (2006) के तहत ये नियुक्तियां अवैध हैं। कोर्ट ने कहा था कि उन्हें भर्ती में बैठने के लिए उम्रसीमा में छूट दी जा सकती है। इलाहाबाद हाईकोर्ट दो वर्ष पूर्व इन नियुक्तियों को अवैध ठहरा चुका है। मामले की सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी। कहा कि 1.75 लाख शिक्षामित्र 17 वर्षो से पढ़ा रहे हैं, उन्हें उसका कुछ वेटेज मिले। जस्टिस आदर्श गोयल और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने कहा कि उम्र सीमा में छूट के अलावा उन्हें शिक्षण अनुभव का वेटेज शिक्षक भर्ती आवेदन में मिलना चाहिए।livehindustan
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