बेसिक शिक्षा विभाग ने जिला पंचायत सभागार में प्रशिक्षु शिक्षकों की मौलिक नियुक्ति के लिए काउंसिलिंग कराई। पहले दिन 118 महिला एवं दिव्यांग प्रशिक्षुओं को स्कूलों के विकल्प के लिए बुलाया गया था। 117 ने काउंसिलिंग में प्रतिभाग किया। 313 स्कूलों को विकल्प के तौर पर खोला गया था। बीएसए संतोष कुमार देव पांडेय ने बताया कि जिले में 299 प्रशिक्षु शिक्षकों की मौलिक नियुक्ति की जानी है। इसके लिए दो दिनों में काउंसिलिंग होनी है। प्रथम दिन महिला व दिव्यांगों को बुलाया गया था। इनसे स्कूलों के लिए विकल्प भरवाए गए हैं। पुरुष अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग बुधवार को होगी।
जानकारी न होने से भटकीं महिलाएं : काउंसिलिंग में प्रदेश के कोने-कोने से महिलाएं व दिव्यांग प्रशिक्षु आए थे। इनको विकल्प के लिए खोले गए स्कूलों के विषय में जानकारी नहीं थी। इसको लेकर वो भटकती नजर आईं। एक-दूसरे से जानकारी ली।
विद्यालयों के विषय में जानकारी देने के लिए विभाग ने किसी को जिम्मेदारी नहीं दी थी। खंड शिक्षा अधिकारी भी नहीं थे। जिससे समस्या हुई।
मनचाहा स्कूल पाकर खिले चेहरे दिव्यांग व महिला प्रशिक्षुओं को मनचाही तैनाती लेने के लिए 313 स्कूल दिए गए थे। प्रशिक्षुओं को विकल्प के लिए खोले गए स्कूलों की लिस्ट दी गई थी। लाइन लगाने के बजाए जिला पंचायत सभागार में उन्हें बैठाकर काउंसिलिंग कराई गई। मेरिट के हिसाब से प्रशिक्षुओं को विकल्प दिया गया। मनचाहे स्कूल में तैनाती पाकर उनके चेहरे खिले नजर आए।
जानकारी न होने से भटकीं महिलाएं : काउंसिलिंग में प्रदेश के कोने-कोने से महिलाएं व दिव्यांग प्रशिक्षु आए थे। इनको विकल्प के लिए खोले गए स्कूलों के विषय में जानकारी नहीं थी। इसको लेकर वो भटकती नजर आईं। एक-दूसरे से जानकारी ली।
विद्यालयों के विषय में जानकारी देने के लिए विभाग ने किसी को जिम्मेदारी नहीं दी थी। खंड शिक्षा अधिकारी भी नहीं थे। जिससे समस्या हुई।
मनचाहा स्कूल पाकर खिले चेहरे दिव्यांग व महिला प्रशिक्षुओं को मनचाही तैनाती लेने के लिए 313 स्कूल दिए गए थे। प्रशिक्षुओं को विकल्प के लिए खोले गए स्कूलों की लिस्ट दी गई थी। लाइन लगाने के बजाए जिला पंचायत सभागार में उन्हें बैठाकर काउंसिलिंग कराई गई। मेरिट के हिसाब से प्रशिक्षुओं को विकल्प दिया गया। मनचाहे स्कूल में तैनाती पाकर उनके चेहरे खिले नजर आए।
0 comments:
Post a Comment