कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को अब बेसिक शिक्षा
अधिकारी सीधे निलंबित नहीं कर सकते। शासन ने जिले समेत प्रदेश के सभी बीएसए
से यह अधिकार छीन लिया है। अब किसी शिक्षक पर निलंबन की कार्रवाई से पहले
डीएम को अवगत कराना होगा और उनकी अनुमति भी लेनी होगी।
हालांकि वेतन रोकने, काटने व प्रतिकूल प्रविष्टि का अधिकार बीएसए के लिए सुरक्षित रखा गया है। शासन के इस कदम से शिक्षकों में खुशी और गम दोनों ही हैं। खुशी उन शिक्षकों को है जो किसी गलती पर बिना कारण पूछे निलंबित कर दिए जाते थे। वो शिक्षक भी खुश हैं जिन पर कुछ अधिकारी इरादतन अपने अधिकार का गलत उपयोग करते हुए उनका निलंबन कर देते गम की स्थिति उन शिक्षकों में होगी जो जानबूझकर अपने को निलंबित कराने का बीएसए पर दबाव डालते थे।
सूत्रों की मानें तो कई शिक्षक बिल्डिंग कांट्रेक्टर का काम करते हैं। इसके लिए वे अपना निलंबन करा लेते हैं, फिर अचानक बहाली पाकर पूरा वेतन उठा लेते हैं। अब उनका निलंबन डीएम के हस्तक्षेप के बगैर नहीं हो सकेगा। यह आदेश तो हुए हैं। अलीगढ़ मंडल में कमिश्नरी से ऐसा कोई आदेश आए तो लागू किया जाए। धीरेंद्र कुमार, बीएसए
हालांकि वेतन रोकने, काटने व प्रतिकूल प्रविष्टि का अधिकार बीएसए के लिए सुरक्षित रखा गया है। शासन के इस कदम से शिक्षकों में खुशी और गम दोनों ही हैं। खुशी उन शिक्षकों को है जो किसी गलती पर बिना कारण पूछे निलंबित कर दिए जाते थे। वो शिक्षक भी खुश हैं जिन पर कुछ अधिकारी इरादतन अपने अधिकार का गलत उपयोग करते हुए उनका निलंबन कर देते गम की स्थिति उन शिक्षकों में होगी जो जानबूझकर अपने को निलंबित कराने का बीएसए पर दबाव डालते थे।
सूत्रों की मानें तो कई शिक्षक बिल्डिंग कांट्रेक्टर का काम करते हैं। इसके लिए वे अपना निलंबन करा लेते हैं, फिर अचानक बहाली पाकर पूरा वेतन उठा लेते हैं। अब उनका निलंबन डीएम के हस्तक्षेप के बगैर नहीं हो सकेगा। यह आदेश तो हुए हैं। अलीगढ़ मंडल में कमिश्नरी से ऐसा कोई आदेश आए तो लागू किया जाए। धीरेंद्र कुमार, बीएसए
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