गुरुजी, अब अपने तबादले के लिए आपको पेन की नहीं बल्कि पैन नंबर की जरूरत होगी। बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक अब बिना पैन (परमानेंट अकाउंट नंबर) नंबर के तबादले का आवेदन नहीं कर सकेंगे। इससे फर्जी तरीके से ज्वाइनिंग या तबादले पर रोक लगेगी। करीब तीन साल पहले बेसिक शिक्षा विभाग के लगभग 35 शिक्षक-शिक्षिकाएं सचिव का फर्जी पत्र तैयार कर तैनाती पा गए थे। बाद में खुलासा होने पर सभी नदारद हो गए।
इस प्रकरण में एसआइटी भी गठित की गई। इन्हीं सब गड़बड़ियों से बचने के लिए शासन ने पहचान के तौर पर पैन नंबर अनिवार्य कर दिया है। स्थानांतरण व समायोजन के लिए तैयार किया गया सॉफ्टवेयर वेतन भुगतान डाटा पर आधारित किया गया है।
परिषद सचिव संजय सिन्हा ने प्रदेश के सभी बीएसए व वित्त लेखाधिकारियोंको निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षकों के ऑनलाइन आवेदन के लिए तैयार किया जा रहा सॉफ्टवेयर अध्यापकों के अप्रैल माह के वेतन भुगतान डाटा पर आधारित है।
इसलिए सेलरी डाटा में शिक्षकों के पैन नंबर अनिवार्य रूप से दर्ज करा दिए जाएं। ऐसा न होने पर बीएसए व वित्त अधिकारी ही दोषी होंगे।1ऑनलाइन हो रहा डाटा : सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं का 100 बिंदुओं का डाटा भी ऑनलाइन किया जा रहा है। एनपीआरसी स्तर पर शिक्षकों की सर्विस बुक की पूरी जानकारी ऑनलाइन फीड की जा रही है।
इस प्रकरण में एसआइटी भी गठित की गई। इन्हीं सब गड़बड़ियों से बचने के लिए शासन ने पहचान के तौर पर पैन नंबर अनिवार्य कर दिया है। स्थानांतरण व समायोजन के लिए तैयार किया गया सॉफ्टवेयर वेतन भुगतान डाटा पर आधारित किया गया है।
परिषद सचिव संजय सिन्हा ने प्रदेश के सभी बीएसए व वित्त लेखाधिकारियोंको निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षकों के ऑनलाइन आवेदन के लिए तैयार किया जा रहा सॉफ्टवेयर अध्यापकों के अप्रैल माह के वेतन भुगतान डाटा पर आधारित है।
इसलिए सेलरी डाटा में शिक्षकों के पैन नंबर अनिवार्य रूप से दर्ज करा दिए जाएं। ऐसा न होने पर बीएसए व वित्त अधिकारी ही दोषी होंगे।1ऑनलाइन हो रहा डाटा : सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं का 100 बिंदुओं का डाटा भी ऑनलाइन किया जा रहा है। एनपीआरसी स्तर पर शिक्षकों की सर्विस बुक की पूरी जानकारी ऑनलाइन फीड की जा रही है।
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