सरकारी स्कूलों में होगी। कारण कि वहां संसाधनों की भारी
कमी है। ग्रामीण इलाकों के ज्यादातर स्कूल तो ऐसे है जहां पीने के पानी की
कोई व्यवस्था ही नहीं है।
’नई दिल्ली : स्कूली बच्चों को बस्ते में शामिल पीने के पानी
की भारी-भरकम बोतलों से जल्द मुक्ति मिल सकती है। केंद्र सरकार ने इसकी पहल
की है। शुरुआत सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों से हुई है। ऐसे सभी स्कूलों को
निर्देश दिया गया है कि वे स्कूलों में बच्चों के लिए जल्द ही स्वच्छ पानी
के इंतजाम करें। वहीं बच्चों को यह समझाएं कि वे स्कूलों में पानी की बोतल न
लाएं।1यूं तो सीबीएसई के अधिकतर स्कूल स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने में
सक्षम हैं लेकिन छात्रों के साथ-साथ माता-पिता को यह भरोसा दिलाना बहुत
आसान नहीं होगा कि स्कूलों में पूरी तरह स्वच्छ जल उपलब्ध हो। लिहाजा स्कूल
से यह संदेश देकर उन्हें आश्वस्त किया जाएगा।
मानव संसाधन विकास मंत्रलय से जुड़े अधिकारियों की मानें तो
यदि यह व्यवस्था सीबीएसई स्कूलों में सफलता से लागू हो जाती है, तो इसे शेष
स्कूलों में भी विस्तार दिया जा सकता है। देश में मौजूदा समय में सीबीएसई
से संबद्ध करीब 19,294 स्कूल संचालित हैं। इनमें सबसे ज्यादा प्राइवेट हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार के स्तर पर स्कूली बच्चों के बस्ते का वजन कम
करने की पहले भी तमाम कोशिशें हुई हैं। इनमें छोटी कक्षाओं के पाठ्यक्रम
में बदलाव के साथ किताबों की संख्या में भी कमी की गई है। इसके अलावा
डिजिटल अध्ययन को स्कूलों में तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है। सीबीएसई से
जुड़े अधिकारियों ने कहा कि यदि स्कूलों में यह व्यवस्था लागू हो जाती है,
तो बस्ते का वजन दो किलो तक कम हो जाएगा।
0 comments:
Post a Comment