23 August, 2017

सत्याग्रह की राह में हमसफर बना पूरा परिवार - शिक्षामित्रों आंदोलन

प्रदर्शन में कई महिला शिक्षामित्रों के साथ उनके पति भी शामिल हुए। सिर्फ इसलिए कि धरना स्थल तक पहुंचने और प्रदर्शन के दौरान उन्हें कोई तकलीफ न हो। इसके अलावा कई शिक्षामित्र ऐसी भी थीं, जिन्हें अपने बच्चों को भी साथ लाना पड़ा।
...और सत्याग्रह की राह में हमसफर बना पूरा परिवार
दुकान बंद कर साथ आए पति
बदायूं की नीलम गुप्ता अपने पति सर्वेश चन्द्र संग आईं। उन्होंने बताया कि धरने के कारण पति को अपनी दुकान बंद करनी पड़ी। यही नहीं, तीन बच्चों को पड़ोसियों के जिम्मे छोड़कर आना पड़ा है। बस से लखनऊ आईं नीलम ने कहा कि अब वह अध्यादेश जारी होने पर ही घर लौटेंगी।
डेढ़ साल के बच्चे को साथ लाना पड़ा
बहराइच की हफीजा बेगम पति मोहम्मद हनीफ संग आईं। उनके पति पेशे से दर्जी हैं। उन्हें भी अपनी दुकान इस धरने के लिए बंद करनी पड़ी और दो बच्चों को पड़ोसियों के भरोसे छोड़ कर आना पड़ा, जबकि डेढ़ साल के तीसरे बच्चे को मजबूरी में साथ लाना पड़ा।
हरदोई से बाइक से आए दंपती
हरदोई की रीता देवी अपने पति प्रमोद कुमार संग धरना स्थल पहुंचीं। उनके पति उन्हें मोटरसाइकिल से धरना स्थल तक लाए। बताया कि उन्होंने यात्रा ढाई घंटे में पूरी की। उनके पति पेशे से किसान हैं। उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षामित्रों की मांग पूरी नहीं होती, तब तक धरने से नहीं जाएंगे।
दादा-दादी की देखरेख में बच्चे
उन्नाव की प्रियंका मिश्रा पति नीलेश के साथ आईं। पेशे से सीए नीलेश ने बताया कि भले ही उन्हें कुछ दिन के लिए अपना काम बंद रखना पड़े, वह धरने में पत्नी का साथ जरूर देंगे। बताया कि इस संघर्ष में उनके माता-पिता भी अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। दोनों की गैरमौजूदगी में बच्चों को देखभाल वही कर रहे हैं।



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