मुख्यमंत्री के आश्वासन पर मान गए शिक्षामित्र, कम वेतन मंजूर नहीं: शिक्षामित्र जेल
भरो आंदोलन की चेतावनी के बीच बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से
मुलाकात के बाद शिक्षामित्रों ने धरना खत्म कर दिया। सीएम ने शिक्षामित्रों
के प्रत्यावेदन पर विचार करने का आश्वासन दिया है। शिक्षामित्र संगठनों के
पदाधिकारियों का कहना है कि मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं हुई उनके लिए
फिर आंदोलन का विकल्प खुला है।
समान कार्य, समान वेतन की मांग को लेकर प्रदेशभर के शिक्षामित्र तीन दिन से लखनऊ में जमे थे। बुधवार को उन्होंने जेल भरो आंदोलन का ऐलान किया था जबकि एक गुट केवल सत्याग्रह की बात कर रहा था। उधर, जेल भरो आंदोलन के मद्देनजर जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी थी। लक्ष्मण मेला स्थल पर जहां 20 से अधिक ऐम्बुलेंस तैनात की गई थीं, वहीं लोहिया पथ पर 150 बसें सुबह से ही खड़ी थीं। हालांकि, दोपहर बाद अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा आरपी सिंह के माध्यम से शिक्षामित्र नेताओं ने सीएम से वार्ता की मांग रखी, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
सीएम के आश्वासन पर शिक्षामित्रों का धरना खत्म
शिक्षामित्र संगठनों से बातचीत में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार उनके मुद्दे को सहानुभूति पूर्वक देख रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की सीमा में जो भी संभव कदम हैं, वे उठाए जा रहे हैं। उन्होंने शिक्षामित्रों से पठन-पाठन पर ध्यान देने की बात कही। शिक्षामित्रों ने आश्रम पद्धति विद्यालय की तर्ज पर वेतन और सुविधाओं की मांग की। उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों में स्थायी के समान ही सुविधाएं शिक्षकों को मिलती हैं। सीएम ने कहा कि जो भी आपकी मांग है, उसका प्रत्यावेदन अपर मुख्य सचिव आरपी सिंह को दे दें। नियमानुसार उस पर विचार किया जाएगा। सीएम संग वार्ता में शिक्षामित्र संगठनों के पदाधिकारी जितेंद्र शाही, गाजी इमाम आला, शिव कुमार शुक्ला, दीनानाथ दीक्षित, अवनीश सिंह, रीना सिंह, शिव किशोर सहित दूसरे पदाधिकारी शामिल थे।• आश्रम पद्धति विद्यालयों में कार्यरत प्राथमिक शिक्षकों के तर्ज पर वेतनमान।• एनसीटीई की अधिसूचना में टीईटी छूट का लाभ दिया जाए।• टीईटी पास करने के न्यूनतम अंकों में 15% की छूट।• सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार रिव्यू पिटीशन दाखिल करे।
शिक्षामित्रों की मांगें
लक्ष्मण मेला मैदान में बुधवार को शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन किया।
दोपहर में हुई बारिश के दौरान भी शिक्षामित्र मुस्तैदी से धरना स्थल पर डटे रहे। शिक्षामित्रों का समर्थन करने के लिए विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता ओमप्रकाश शर्मा, एमएलसी हेम सिंह पुंडीर और ध्रुव त्रिपाठी भी पहुंचे। उनके वहां पहुंचने के बाद नारेबाजी तेज हो गई।
समान कार्य, समान वेतन की मांग को लेकर प्रदेशभर के शिक्षामित्र तीन दिन से लखनऊ में जमे थे। बुधवार को उन्होंने जेल भरो आंदोलन का ऐलान किया था जबकि एक गुट केवल सत्याग्रह की बात कर रहा था। उधर, जेल भरो आंदोलन के मद्देनजर जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी थी। लक्ष्मण मेला स्थल पर जहां 20 से अधिक ऐम्बुलेंस तैनात की गई थीं, वहीं लोहिया पथ पर 150 बसें सुबह से ही खड़ी थीं। हालांकि, दोपहर बाद अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा आरपी सिंह के माध्यम से शिक्षामित्र नेताओं ने सीएम से वार्ता की मांग रखी, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
सीएम के आश्वासन पर शिक्षामित्रों का धरना खत्म
शिक्षामित्र संगठनों से बातचीत में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार उनके मुद्दे को सहानुभूति पूर्वक देख रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की सीमा में जो भी संभव कदम हैं, वे उठाए जा रहे हैं। उन्होंने शिक्षामित्रों से पठन-पाठन पर ध्यान देने की बात कही। शिक्षामित्रों ने आश्रम पद्धति विद्यालय की तर्ज पर वेतन और सुविधाओं की मांग की। उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों में स्थायी के समान ही सुविधाएं शिक्षकों को मिलती हैं। सीएम ने कहा कि जो भी आपकी मांग है, उसका प्रत्यावेदन अपर मुख्य सचिव आरपी सिंह को दे दें। नियमानुसार उस पर विचार किया जाएगा। सीएम संग वार्ता में शिक्षामित्र संगठनों के पदाधिकारी जितेंद्र शाही, गाजी इमाम आला, शिव कुमार शुक्ला, दीनानाथ दीक्षित, अवनीश सिंह, रीना सिंह, शिव किशोर सहित दूसरे पदाधिकारी शामिल थे।• आश्रम पद्धति विद्यालयों में कार्यरत प्राथमिक शिक्षकों के तर्ज पर वेतनमान।• एनसीटीई की अधिसूचना में टीईटी छूट का लाभ दिया जाए।• टीईटी पास करने के न्यूनतम अंकों में 15% की छूट।• सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार रिव्यू पिटीशन दाखिल करे।
शिक्षामित्रों की मांगें
लक्ष्मण मेला मैदान में बुधवार को शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन किया।
दोपहर में हुई बारिश के दौरान भी शिक्षामित्र मुस्तैदी से धरना स्थल पर डटे रहे। शिक्षामित्रों का समर्थन करने के लिए विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता ओमप्रकाश शर्मा, एमएलसी हेम सिंह पुंडीर और ध्रुव त्रिपाठी भी पहुंचे। उनके वहां पहुंचने के बाद नारेबाजी तेज हो गई।
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