लक्ष्मण मेला पार्क में कुछ दिन पहले तक जो हरियाली लोगों के आकर्षण का
केंद्र थी, वह अब शिक्षामित्रों के प्रदर्शन के चलते खो चुकी है वजूद। अब
वहां बचे हैं पेड़ों के ठूंठ और चारों ओर फैला कचरा।जागरण संवाददाता, लखनऊ :
शिक्षामित्र आए तो थे सरकार से अपनी मांगें मनवाने, लेकिन उनकी अराजकता ने
पेड़ पौधों को भी नहीं बख्शा। लक्ष्मण मेला स्थल पर हरियाली को शिक्षा
मित्रों ने जमकर नुकसान पहुंचाया। यहां लाखों रुपए खर्च कर संवारी गई
पंचवटी को उन्होंने पूरी तरह से नहस कर दिया। छोटे छोटे पेड़ हों या फिर
अन्य पौधे, सब अस्त व्यस्त दिख रहे हैं।
पूरे मेला स्थल पर गंदगी व टूटे हुए पेड़ व कुचली गई क्यारियों की तस्वीर शिक्षा मित्रों की अराजकता खुद ब खुद बयां कर रही है। 1लक्ष्मण मेला मैदान में शिक्षा मित्रों की अराजकता को लेकर लोगों का कहना है कि पेड़ों के पत्ते तोड़कर पंखे तक बनाए गए। गोमती रिवर फ्रंट को लेकर सौंदर्यीकरण के लिए लगाए गए बबूंसा, वाशिंगटोनिया कीमती पेड़ उखाड़ डाल गए। बांस, चांदनी, गुल मोहरी, कनेर सहित दर्जनों पेड़ शिक्षामित्र जाते समय साथ ले गए। इसके अलावा गोमती नदी के किनारे लगी जालियां तक तोड़ दीं। पूरे परिसर में प्लास्टिक व अन्य तरह का कूड़ा कचरा साफ दिख रहा है जिसे साफ करने में कई दिन कर्मचारियों को लगेगा।
पूरे मेला स्थल पर गंदगी व टूटे हुए पेड़ व कुचली गई क्यारियों की तस्वीर शिक्षा मित्रों की अराजकता खुद ब खुद बयां कर रही है। 1लक्ष्मण मेला मैदान में शिक्षा मित्रों की अराजकता को लेकर लोगों का कहना है कि पेड़ों के पत्ते तोड़कर पंखे तक बनाए गए। गोमती रिवर फ्रंट को लेकर सौंदर्यीकरण के लिए लगाए गए बबूंसा, वाशिंगटोनिया कीमती पेड़ उखाड़ डाल गए। बांस, चांदनी, गुल मोहरी, कनेर सहित दर्जनों पेड़ शिक्षामित्र जाते समय साथ ले गए। इसके अलावा गोमती नदी के किनारे लगी जालियां तक तोड़ दीं। पूरे परिसर में प्लास्टिक व अन्य तरह का कूड़ा कचरा साफ दिख रहा है जिसे साफ करने में कई दिन कर्मचारियों को लगेगा।
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