बसपा सुप्रीमो
मायावती ने प्रदेश सरकार से शिक्षामित्रों के प्रति नरम, सकारात्मक व
सहयोगपूर्ण रवैया अपनाने की मांग की है। एक बयान में उन्होंने कहा कि
शिक्षामित्रों का जीवन अधर में लटका है। वे सड़क पर आकर सरकार से सहारा
पाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। पर, सरकार उनकी सुध लेने को तैयार नहीं है।
वेतन 10,000 रुपये तय कर उन्हें
पढ़ाने पर मजबूर किया जा रहा है। जब वे न्यायसंगत नीति बनाकर समस्या हल
करने के लिए आंदोलन करते हैं तो उन पर लाठियां बरसाई जाती हैं।
उन्होंने सरकार की निंदा करते हुए शिक्षामित्रों के प्रति सकारात्मक रुख अपनाकर ऐसी नीति बनाने की मांग की है जिससे उनकी नौकरी सलामत रहे। इस बीच, मायावती ने कांशीराम ग्रीन इको गार्डन की उपेक्षा पर नाराजगी जताई है।
उन्होंने कहा, पहले आग की घटना और अब वहां लगी मूर्तियों की चोरी ने मामले को काफी गंभीर बना दिया है। सरकार को मूर्तियों की सुरक्षा व संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने लखनऊ मेट्रो के संचालन में आ रही बाधा पर कहा है कि इससे प्रदेश की बदनामी हो रही है। इस पर भी समुचित ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने सरकार की निंदा करते हुए शिक्षामित्रों के प्रति सकारात्मक रुख अपनाकर ऐसी नीति बनाने की मांग की है जिससे उनकी नौकरी सलामत रहे। इस बीच, मायावती ने कांशीराम ग्रीन इको गार्डन की उपेक्षा पर नाराजगी जताई है।
उन्होंने कहा, पहले आग की घटना और अब वहां लगी मूर्तियों की चोरी ने मामले को काफी गंभीर बना दिया है। सरकार को मूर्तियों की सुरक्षा व संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने लखनऊ मेट्रो के संचालन में आ रही बाधा पर कहा है कि इससे प्रदेश की बदनामी हो रही है। इस पर भी समुचित ध्यान देने की जरूरत है।
1279 शिक्षामित्र गैरहाजिर, प्राथमिक शिक्षा ठप
वहीं, फैजाबाद में डीएम के सख्त निर्देश के बाद भी शिक्षामित्रों के आंदोलन
के चलते बंद परिषदीय स्कूलों के खुलने का मंगलवार को कोई वैकल्पिक इंतजाम
नहीं हो पाया। बीएसए ने शिक्षकों की कमी बताते हुए हाथ खड़े कर दिए। हाल ये
रहा कि मंगलवार को नगर व देहात क्षेत्र में कुल 1279 शिक्षामित्र ड्यूटी
से नदारद रहे।
इससे एकल शिक्षकों के सहारे संचालित नगर के 28 स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रभावित हुआ। इनमें से 15 स्कूल जूनियर हाईस्कूल के परिसर में होने से वहां के अध्यापकों ने ताला खुलवा दिया और शेष 13 स्कूलों में से दो में नए अध्यापक अटैच किए गए। जबकि 11 स्कूलों में मंगलवार को भी ताला नहीं खुला। ग्रामीण क्षेत्रों के भी कई विद्यालयों में शिक्षण कार्य प्रभावित रहा।
समायोजन बहाली की मांग को लेकर Latest Shiksha Mitra News दो दिन से दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके चलते परिषदीय स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है। सोमवार को डीएम अनिल कुमार पाठक ने बीएसए को सख्त निर्देश दिया था कि सभी स्कूल खोले जाएं। उन्होंने गैरहाजिर शिक्षामित्रों की सूची भी मांगी थी। डीएम को सूची तो दे दी गई मगर स्कूल खोल पाने में विभाग असमर्थ रहा। गैरहाजिर शिक्षामित्रों के खिलाफ अभी तक कोई भी कार्रवाई कर पाने में विभाग असमर्थ है।
इससे एकल शिक्षकों के सहारे संचालित नगर के 28 स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रभावित हुआ। इनमें से 15 स्कूल जूनियर हाईस्कूल के परिसर में होने से वहां के अध्यापकों ने ताला खुलवा दिया और शेष 13 स्कूलों में से दो में नए अध्यापक अटैच किए गए। जबकि 11 स्कूलों में मंगलवार को भी ताला नहीं खुला। ग्रामीण क्षेत्रों के भी कई विद्यालयों में शिक्षण कार्य प्रभावित रहा।
समायोजन बहाली की मांग को लेकर Latest Shiksha Mitra News दो दिन से दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके चलते परिषदीय स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है। सोमवार को डीएम अनिल कुमार पाठक ने बीएसए को सख्त निर्देश दिया था कि सभी स्कूल खोले जाएं। उन्होंने गैरहाजिर शिक्षामित्रों की सूची भी मांगी थी। डीएम को सूची तो दे दी गई मगर स्कूल खोल पाने में विभाग असमर्थ रहा। गैरहाजिर शिक्षामित्रों के खिलाफ अभी तक कोई भी कार्रवाई कर पाने में विभाग असमर्थ है।
शिक्षक नहीं होने की बात कहते हुए हाथ खड़े कर दिए
जिले में तैनात कुल 1992 शिक्षामित्रों में से सोमवार को कुल 1047 शिक्षामित्र अनुपस्थित थे। मंगलवार को ये संख्या बढ़कर 1279 पहुंच गई। इसके चलते नगर क्षेत्र के 11 विद्यालय पूर्व की भांति बंद रहे। विभाग ने भी शिक्षक नहीं होने की बात कहते हुए हाथ खड़े कर दिए हैं।
ऐसे में इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य पर संकट बरकरार है, मगर इसकी जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है। मंगलवार को नगर क्षेत्र के कुल 32 शिक्षामित्रों में से 31 अनुपस्थित रहे। नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय हसनू कटरा, बेगमगंज गढ़ैया, प्राथमिक विद्यालय धारा प्रथम आदि बंद रहे।
प्राथमिक विद्यालय रीडगंज, सहादतगंज सहित 15 विद्यालय जूनियर हाईस्कूल के परिसर होने के कारण खुल तो गए मगर इनमें तैनात शिक्षामित्रों के ड्यूटी पर नहीं आने से शिक्षण कार्य बाधित रहा। अभी भी हालात सुधरने के आसार नहीं दिख रहे हैं।
बीएसए अमिता सिंह का कहना है कि, जिले में पहले से ही शिक्षकों की कमी है। ऐसे में शिक्षामित्रों के ड्यूटी पर नहीं आने से दिक्कत बढ़ गई है। देहात में तो किसी तरह स्कूल खुल रहे हैं, मगर नगर क्षेत्र के लिए कोई उपाय नहीं सूझ रहा है। डीएम को स्थिति से अवगत भी करा दिया है, शीघ्र ही कोई व्यवस्था की जाएगी। Amar ujala
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amarujala |
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