लखनऊ: उत्तर प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों के करीब 5000 primary teachers की डिग्रियां फर्जी पाये जाने पर उनकी बर्खास्तगी और आपराधिक धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव राजप्रताप सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए‘यूनीवार्ता’को बताया कि जांच में करीब पांच हजार शिक्षकों की डिग्रियां फर्जी पायी गई हैं। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के तहत सेवा से बर्खास्तगी और रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी शुरु कर दी गयी है।बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश से पिछले वर्ष हुई नियुक्तियों की जांच विशेष जांच टीम (एसआईटी) कर रही थी।
एसआईटी ने आज ही अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी है। जांच पर न्यायालय लगातार निगरानी रख रहा था। राजप्रताप सिंह ने बताया कि नियुक्तियों में 2007-08 से ही गोरखधंधा चलने और अंकतालिका(मार्कशीट) में न बरों के हेरफेर की सूचनाएं मिल रही थीं। उन्होंने बताया कि ज्यादातर डिग्रियां आगरा और संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से सबन्धित हैं। उनका कहना था कि रिपोर्ट में डिग्रियों को फर्जी बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई तय है। एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद अब राज्यभर में पिछले कुछ वर्षों में शिक्षकों की हुई भर्तियों की भी जांच की जा सकती है।
एसआईटी ने आज ही अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी है। जांच पर न्यायालय लगातार निगरानी रख रहा था। राजप्रताप सिंह ने बताया कि नियुक्तियों में 2007-08 से ही गोरखधंधा चलने और अंकतालिका(मार्कशीट) में न बरों के हेरफेर की सूचनाएं मिल रही थीं। उन्होंने बताया कि ज्यादातर डिग्रियां आगरा और संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से सबन्धित हैं। उनका कहना था कि रिपोर्ट में डिग्रियों को फर्जी बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई तय है। एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद अब राज्यभर में पिछले कुछ वर्षों में शिक्षकों की हुई भर्तियों की भी जांच की जा सकती है।
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