प्रतापगढ़। नई शिक्षा नीति के तहत जिलेभर के आंगनबाडी केंद्रों पर बच्चों को पुष्टाहार ही नहीं बल्कि शिक्षा भी दी जाएगी। अब इन केंद्रों पर प्री-प्राइमरी कक्षाओं का संचालन कराया जाएगा। बच्चों को यूनिफार्म से लेकर पाठ्य पुस्तकें भी वितरित की जाएंगी। इसकी व्यवस्था बेसिक शिक्षा विभाग कराएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पठन-पाठन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
जिले
में कुल 3259 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इन केंद्रों पर एक आंगनबाड़ी
कार्यकर्ता के साथ ही एक सहायिका कार्यरत हैं। इन केंद्रों पर बच्चों को
पुष्टाहार का वितरण किया जाता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका बाल
विकास विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग करती हैं। अब इन केंद्रों
पर प्री-प्राइमरी कक्षाओं का संचालन होगा। इसमें तीन साल से पांच साल तक
के बच्चों को पढ़ाया जाएगा। शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए नई शिक्षा
नीति के तहत यह पहल की जा रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर
कार्यरत कार्यकर्ता एवं सहायिका की शैक्षिक योग्यता का डाटा तैयार होगा।
बीआरसी केंद्र पर इन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण
में साज-सज्जा से लेकर पढ़ाने तक के तरीके पर जोर दिया जाएगा। कौशल व
कहानी आदि के जरिए बच्चों को पढ़ाया जाएगा। बीएसए प्रशिक्षण की निगरानी
करेंगे। खंड शिक्षा अधिकारी विमलेश तिवारी ने बताया कि प्री-प्राइमरी स्कूल
के जरिए शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। इसे लेकर तैयारियां की जा रही
हैं।
हप्ते में एक दिन नो बैग डे, खेल-खेल में सीखेंगे सबक
प्री-प्राइमरी
स्कूल में बच्चों के लिए हप्ते में एक दिन नो बैग डे रहेगा। इस दिन खेल का
आयोजन होगा। खेल भी प्रेरित करने वाले होंगे। बच्चे खेल खेल में सबक
सीखेंगे। उन्हें मिड-डे-मील भी भी दिया जाएगा।
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