प्रयागराज समाचार : ये उन चंद शिक्षकों के नाम हैं, जो माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से चयनित हुए लेकिन, नियुक्ति पाने में विलंब की वजह से पुरानी पेंशन हाथ से फिसल गई। प्रदेश में ऐसे शिक्षक व कर्मचारियों की तादाद करीब दो हजार से अधिक है, जिनकी नियुक्ति में थोड़ा विलंब उन्हें भारी पड़ा है। अब ये शिक्षक पुरानी पेंशन के लिए शासन तक दौड़ लगा रहे हैं लेकिन, उन्हें केंद्र सरकार की तरह विकल्प का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
असल
में, केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना एक जनवरी 2004 से लागू की थी, जबकि
यूपी में यह योजना एक अप्रैल 2005 से प्रभावी हुई। प्रभावितों का कहना है
कि पुरानी पेंशन न मिल पाने में उनका दोष नहीं है। नियमानुसार 2005 के पहले
उनका चयन हुआ, शिक्षा विभाग चाहता तो समय पर नियुक्ति मिल जाती लेकिन,
नियुक्ति में देरी से वे लाभ से वंचित हैं। इसमें राहत पाने का हक बनता है।
शिक्षक-कर्मियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने 2004 में आदेश निर्गत करने
के बाद ऐसे लोगों को विकल्प लेने का मौका दिया, जिनका चयन 31 दिसंबर 2003
तक हो गया था, लेकिन नियुक्ति एक जनवरी 2004 के बाद हुई। उसी तरह से यूपी
में भी यह विकल्प लागू किया जाए।
केस एक : श्री
गणोश विद्यालय इंटर कॉलेज ऐहार में अंग्रेजी के सहायक अध्यापक पद पर चयन
2004 में हुआ पर, नियुक्ति 19 अप्रैल 2005 को हो सकी।
केस
दो : एमडी शुक्ला इंटर कॉलेज लखनऊ में प्रवक्ता भौतिक विज्ञान के पद पर
चयन वर्ष 2004 में हुआ लेकिन, नियुक्ति 26 मई 2005 को मिली।
केस
तीन : मनोहर भूषण इंटर कॉलेज बरेली में प्रवक्ता जीव विज्ञान के पद पर
उपेंद्र सिरोही का चयन 2004 में हुआ, नियुक्ति 23 अप्रैल 2004 को हुई।
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