निगम शिक्षकों ने इस आदेश पर नाराजगी जताई है. नगर निगम शिक्षक न्याय मंच के अध्यक्ष कुलदीप सिंह खत्री ने ऐसी जगहों से ड्यूटी हटाए जाने के लिए दिल्ली के सीएम और एलजी से अपील की है. कुलदीप ने कहा टीचर का काम बच्चों को पढ़ाना है ना कि इन तरह की व्यवस्थाओं को देखना.
साल
भर से निगमों के सैकड़ों शिक्षक लगातार डीडीएमए एक्ट में ड्यूटी दे रहे
हैं. क्लासेज नहीं चलने की दशा में कोरोना काल में दिल्ली सरकार ने इनकी
ड्यूटी एयरपोर्ट, चालान काटने, स्कूलों में खाना बांटने, क्वारनटीन सेंटर,
वैक्सीनेशन सेंटर पर लगा दी है. नए आदेश के तहत अब शिक्षकों को श्मशान घाट
और ऑक्सीजन सप्लाई सेंटर्स पर भी ड्टूटी देनी पड़ेगी.
स्कूल बंद तो श्मशान घाट में लगी शिक्षकों की ड्यूटी
निगम
शिक्षकों ने इस आदेश पर नाराजगी जताई है. नगर निगम शिक्षक न्याय मंच के
अध्यक्ष कुलदीप सिंह खत्री ने ऐसी जगहों से ड्यूटी हटाए जाने के लिए दिल्ली
के सीएम और एलजी से अपील की है. कुलदीप ने कहा टीचर का काम बच्चों को
पढ़ाना है ना कि इन तरह की व्यवस्थाओं को देखना. देश के आपात स्थिति में
काम करने से हम पीछे नहीं हटे. जनगणना चुनाव में भी ड्यूटी करते हैं. लेकिन
सरकार काम ले तो व्यवस्था भी दे. तीन महीने से तनख्वाह नहीं मिली है. पर
सितम देखिए जो टीचर बीमार होने पर ना जाए तो उन्हें मेमो दिए जा रहे हैं.
शिक्षक बोले- राष्ट्रनिर्माता का सम्मान करें
कुलदीप
ने ये भी बताया है कि दो हफ्ते में 4 टीचर की कोरोना से मौत हो चुकी है.
लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है. तीनों एमसीडी, दिल्ली के सीएम,
उपराज्यपाल और मेयर से गुहार है कि शिक्षकों को इन ड्यूटी से मुक्त करें और
राष्ट्रनिर्माताओं को सम्मान दें. अन्यथा शिक्षक रोड पर उतरने को मजबूर
होगा. वैसे कुलदीप की तरफ से ट्वीट कर एक शिक्षक की आपबीती भी बताई गई है.
उनकी मानें तो संजीव शर्मा नाम के शिक्षक का ऑक्सीजन लेवल 60 पहुंच गया है
और दिल्ली के बुराड़ी कोविड हॉस्पिटल में वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं है.
उत्तर प्रदेश के सरकारी शिक्षक भी नाराज
वैसे
जो शिकायत दिल्ली में सुनने को मिल रही हैं, ऐसा ही हाल उत्तर प्रदेश का
भी है, जहां पर छात्रों को तो कोरोना काल में ना आने के लिए कहा गया है,
लेकिन सरकारी शिक्षकों को लंबे समय तक स्कूल आना पड़ा. उस समय दलील दी गई
कि प्रशासनिक कार्य की वजह से उन्हें स्कूल आना होगा. अब कोरोना की बिगड़ती
स्थिति में शिक्षकों को कुछ दिन की छुट्टी तो दी गई है लेकिन यूपी के
पंचायत चुनाव में ड्यूटी भी लग गई है. कई ऐसे शिक्षक हैं जो दिल्ली
शिक्षकों की तरह अपील कर रहे हैं कि उनका काम पढ़ाने का है, ये सब करने का
नहीं.
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