लखनऊ। मड़ियांव में हुई आशुतोष सिंह की हत्या में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस के मुताबिक, उसके कत्ल की साजिश नवविवाहिता पत्नी ने ही रची थी। गत जुलाई में ही आशुतोष की शादी हुई थी, मगर पत्नी को वो नापसंद था। इस पर उसने अपने प्रेमी व दोस्त के साथ साजिश रचकर पति की हत्या करा दी। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर वारदात में इस्तेमाल तमंचा व एसयूवी बरामद कर ली है। खास बात ये है कि नवविवाहिता पत्नी, उसका प्रेमी व दोस्त तीनों ही प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक हैं। शनिवार को पुलिस ने तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
हरदोई
के अतरौली निवासी आशुतोष सिंह (27) मड़ियांव के ग्लोबल डायग्नोस्टिक सेंटर
में पीआरओ थे। मूलरूप से हरदोई के अतरौली थाने के रशरौल गांव निवासी
आशुतोष मड़ियांव की इंद्रपुरम कॉलोनी में अपने भाई राजेश, अनुपम और भतीजे
विकास सिंह के साथ रहते थे। 23 अगस्त की रात ड्यूटी से लौटने के बाद किसी
का फोन आने पर आशुतोष घर से निकले थे। 24 अगस्त की सुबह मड़ियांव में
आईआईएम रोड के पास आशुतोष का शव मिला था। पोस्टमार्टम में गोली मारकर
आशुतोष की हत्या की बात सामने आई थी। पुलिस ने उनके भाई की तहरीर पर
रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन शुरू की।
सर्विलांस से
छानबीन के बाद मड़ियांव इंस्पेक्टर मनोज सिंह ने शनिवार को आशुतोष की पत्नी
प्रीति निवासिनी कस्बा संडीला, हरदोई, उसके प्रेमी हेमेंद्र प्रताप यादव
और दोस्त सुनील सिंह निवासी फ्रेंड्स कॉलोनी, इटावा को गिरफ्तार कर लिया।
हेमेंद्र के पास से वारदात में इस्तेमाल तमंचा व खोखा बरामद हुआ है।
इंस्पेक्टर ने बताया कि प्रीति संडीला के प्राथमिक स्कूल में सहायक
शिक्षिका है। जबकि हेमेंद्र व सुनील इटावा के प्राथमिक स्कूल में सहायक
शिक्षक हैं।
एडीसीपी (उत्तरी) प्राची सिंह के अनुसार, हेमेंद्र
ने बताया कि वह 2015 से जनवरी 2021 तक प्रीति के साथ उन्नाव के प्राथमिक
विद्यालय औरास में तैनात था जहां उसका प्रीति से प्रेम प्रसंग हो गया था।
फरवरी 2021 में प्रीति का तबादला हरदोई के संडीला में हो गया और हेमेंद्र
का इटावा। इसी बीच जुलाई 2021 में प्रीति के घरवालों ने उसकी आशुतोष से
शादी कर दी। कुछ दिनों तक प्रीति ने हेमेंद्र से बात करना छोड़ दिया था।
प्रीति को पति पसंद नहीं आया तो उसने अपने दोस्त सुनील को इसकी जानकारी दी।
सुनील सभी बातें हेमेंद्र को बता देता था। प्रीति को पति पसंद नहीं आया तो
वह हेमेंद्र से संडीला में तबादला कराने को कहने लगी। ऐसा न होने पर वह
अपना तबादला कराकर इटावा जाने की भी कोशिश करने लगी थी। इसी बीच उसने
हेमेंद्र के साथ मिलकर पति की हत्या की साजिश रच डाली। 23 अगस्त को
हेमेंद्र ने आशुतोष को फोन कर दवा सप्लाई का बड़ा काम दिलाने के बहाने
बुलाकर अपनी एसयूवी में बैठा लिया। इंस्पेक्टर ने बताया कि उसके साथ सुनील
भी था। कुछ दूर जाने पर आशुतोष मोबाइल में कुछ देखने लगा तभी हेमेंद्र ने
तमंचा निकालकर उसे गोली मार दी। इसके बाद आशुतोष का शव सड़क किनारे फेंककर
दोनों भागने लगे तो गोमती पुल के पास एसयूवी डिवाइडर से टकराकर क्षतिग्रस्त
हो गई। घबराकर वह एसयूवी वहीं सड़क किनारे छोड़कर भाग गया था।
लावारिस एसयूवी से कातिल तक पहुंची पुलिस
लखनऊ।
एडीसीपी (उत्तरी) ने बताया कि जिस जगह पर आशुतोष की लाश पड़ी मिली, उससे
कुछ दूरी पर ही लावारिस ब्रेजा गाड़ी मिली थी। गाड़ी में खून फैला था। नंबर
से गाड़ी मालिक का पता लगाकर उसके मोबाइल की लोकेशन खंगाली गई तो वो भी
घटना के वक्त मड़ियांव में मिली। इसी नंबर से आशुतोष की पत्नी प्रीति से भी
लगातार बातचीत हो रही थी। जिसके चलते वारदात का खुलासा कर पुलिस ने
प्रीति, हेमेंद्र व सुनील को दबोच लिया।
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