बदायूँ: प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों का आंदोलन रोकने को एस्मा लगाई
है। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों ने आकस्मिक अवकाश लेकर आंदोलन किया
मानव संपदा पोर्टल पर कितने शिक्षकों के आवेदन पहुंचे। इसकी जांच कराई
जाएगी। बिना अवकाश के स्कूल से गायब मिलने वाले शिक्षकों के खिलाफ विभागीय
कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि, बीएसए और खंड शिक्षा अधिकारियों के
निरीक्षण में अधिकांश विद्यालय खुले मिले थे।
परिषदीय शिक्षकों ने मंगलवार को 21 सूत्रीय मांगों को लेकर बीते
मंगलवार
को ब्लाक संसाधन केंद्रों पर प्रदर्शन किया था। शिक्षामित्रों, अनुदेशकों
और रसोइयों को भी इसमें शामिल होने का आह्वान किया गया था। उत्तर प्रदेशीय
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संजीव शर्मा के नेतृत्व में जिले में
ब्लाक संसाधन केंद्रों पर शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक, विशेष शिक्षकों ने
आंदोलन किया था। दावा किया गया था कि सामूहिक अवकाश लेकर विद्यालय बंद
करके आंदोलन किया जाएगा। इसको लेकर जिला प्रशासन ने सख्त हिदायत दी थी कि
कोई भी विद्यालय बंद नहीं होना चाहिए। जहां शिक्षक अवकाश पर हों ऐसी जगहों
पर
शिक्षामित्र विद्यालय संचालित करें। इसकी निगरानी के लिए बीएसए डा.
महेंद्र प्रताप सिंह और खंड शिक्षा अधिकारियों ने विद्यालयों का निरीक्षण
किया था। निरीक्षण में अधिकांश विद्यालय खुले मिले थे। अब इस बात की जांच
कराई जा रही है कि कौन शिक्षक बिना अवकाश लिए आंदोलन में शामिल हुए थे।
उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। बीएसए ने बताया कि निरीक्षण में
विद्यालय खुले मिले थे। बिना अवकाश लिए जो लोग धरना प्रदर्शन में शामिल हुए
हैं उनकी जांच कराई जा रही है, विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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