बेसिक शिक्षा मंत्री स्वतंत्र प्रभार सतीश चन्द्र द्विवेदी ने कहा कि
प्रदेश के किसी अन्य विभाग में ऐसा कैडर नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग में
यह बहुत पहले से हो रहा है। मुख्यमंत्री की मंशा है कि बेसिक शिक्षा के
विकास में सभी बाधाएं खत्म हों। बेसिक शिक्षा में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र
के कैडर विभाजन की जो व्यवस्था अभी तक है उसे खत्म करने पर सरकार विचार कर
रही है।
बेसिक
शिक्षा मंत्री रविवार को शहर के एसएसवी इंटर कॉलेज में शिक्षा विभाग की ओर
से आयोजित बेसिक-माध्यमिक शिक्षकों के सम्मान समारोह के बाद पत्रकारों से
बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसी भी विभाग में ऐसा कोई कैडर
नहीं है लेकिन बेसिक शिक्षा में कैडर व्यवस्था पहले से चली आ रही है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में बहुत से सरप्लस टीचर हैं। उसके बाद भी
शहरी क्षेत्र में कमी पूरी नहीं हो रही है। इसीलिए शहरी ग्रामीण का कैडर
को खत्म करके गांव के सरप्लस अध्यापकों को शहर के परिषदीय विद्यालयों में
शिक्षकों की कमी दूरी की जायेगी।
उन्होंने
कहा कि आकांक्षी जनपदों में टीचरों की कमी न होने पाए इसलिए पिछली बार कम
ट्रांसफर हुए हैं। लेकिन यदि आगे ट्रांसफर होते हैं तो आकांक्षी जनपदो के
भी पर्याप्त मात्रा में शिक्षकों के ट्रांसफर किये जायेंगे। एक सवाल के
जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि उर्दू हो या अन्य विषय। योगी सरकार
में किसी भी तरह के शिक्षकों की नियुक्ति को निरस्त नहीं किया गया है।
बल्कि भाजपा सरकार को पिछली सरकारों के कार्यकाल में जो फर्जी नियुक्तियां
हुई थी उसमें एसआईटी व एसटीएफ जांच कराई गई। जिन नियुक्तियों में अनियमितता
हुई थी सिर्फ उन्हीं को निरस्त किया गया है।
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