गोरखपुर: परिषदीय स्कूलों द्वारा यू-डायस पर दी गई जानकारी का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। इसके लिए बेसिक शिक्षा महानिदेशक ने जिलावार अधिकारी नामित कर दिए हैं। जांच टीम पांच विद्यालयों में औचक निरीक्षण कर दिए गए विवरण का मौके पर मिलान करेगी। चयनित पांच विद्यालयों में दो परिषदीय, एक कंपोजिट, एक सहायता प्राप्त और एक अशासकीय मान्यता प्राप्त विद्यालय शामिल होंगे।
गोरखपुर-बस्ती
मंडल के जनपदों में निरीक्षण की जिम्मेदारी वहां के डायट प्राचार्य को
सौंपी गई है। निरीक्षण के दौरान एमआइएस प्रभारी विद्यालय के भौतिक रूप से
भरे हुए विद्यालय सांख्यिकी प्रपत्र प्रस्तुत करेंगे। जिसके आधार पर
निरीक्षण अधिकारी विद्यालय में भौतिक रूप से उपलब्ध सूचना से मिलान करेंगे।
डाटा में अंतर मिलने पर शिक्षक संकुल पर कार्रवाई के साथ ही तत्काल पोर्टल
पर डाटा का संशोधन भी किया जाएगा। इसके कारण स्कूलों की कार्यप्रणाली में
सुधार आएगा।
महानिदेशक द्वारा
स्कूलों के यू-डायस की जांच की प्रक्रिया नामित अधिकारियों द्वारा 18
सितंबर से पूर्व हर हाल में पूर्ण कर लेनी है। निरीक्षण के बाद संबंधित
अधिकारी अपनी जांच आख्या राज्य परियोजना कार्यालय को उपलब्ध कराएंगे। जिसके
आधार पर राज्य स्तर पर आंकड़ों के प्रमाणित की जा सके।
क्या
होता है यू-डायस कोड: विद्यालयों को यू- डायस (यूनिफाइड डिस्टिक
इनफार्मेशन सिस्टम) कोड जारी किए जाते हैं। विद्यालय कोड में जिला व ब्लाक
का कोड समाहित होता है। जैसे ही शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर डायस कोड
डालेंगे, वैसे ही कुछ ही समय में विद्यालय की सभी जानकारियों सहित पूरी
कुंडली सामने आ जाएगी।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने
स्कूलों द्वारा भरे गए यू-डायस कोड की सत्यता की पड़ताल करने के लिए
निरीक्षण कराने का निर्णय लिया है। इसी के तहत शासन से नामित अधिकारी
स्कूलों का औचक निरीक्षण कर यू-डायस का भौतिक सत्यापन करेंगे।
आरके सिंह, बीएसए
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