प्रतापगढ़ जिले के मंगरौरा ब्लॉक में बारह साल से नौकरी कर रहे बेसिक
शिक्षा विभाग के 11 शिक्षकों के अभिलेख शुक्रवार को एसटीएफ ने अपने कब्जे
में ले लिए। आशंका जताई जा रही है कि वर्ष 2009 में इन शिक्षकों ने फर्जी
अभिलेखों के सहारे नौकरी हासिल कर ली थी। एसटीएफ की जांच के बाद इन
शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो सकता है। विभागीय अफसरों ने इस मामले में
चुप्पी साध ली है। इधर, कुंडा ब्लॉक के प्राइमरी स्कूल अहिबरनपुर में
तैनात शिक्षक रोहित यादव की बीएससी और बीएड की डिग्री फर्जी मिली है। विभाग
की तरफ से उन्हें नोटिस भेजा गया है।
शुक्रवार
को अचानक जिले में पहुंची एसटीएफ ने मंगरौरा ब्लॉक में तैनात 11 शिक्षकों
के नियुक्ति संबंधी सभी दस्तावेज और सेवा पुस्तिका कब्जे में ले ली। माना
जा रहा है कि जांच के बाद इन शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा सकता
है। विभागीय अधिकारी अभी भी पूरा मामला दबाए हुए हैं। हालांकि पूर्व में
एसटीएफ की रिपोर्ट पर पूर्व बीएसए ने दो शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक
लगा दी थी। दोनों शिक्षक मेडिकल पर चले गए और दो माह की छुट्टी के बाद अब
लौटने पर वेतन की मांग कर रहे हैं। विभागीय अधिकारी एसटीएफ की सक्रियता को
देखते हुए वेतन भुगतान करने के लिए राजी नहीं हैं। इधर, कुंडा विकास खंड के
प्राइमरी स्कूल अहिबरनपुर में बारह वर्ष से तैनात प्रधानाध्यापक रोहित
यादव की बीएड और बीएससी की डिग्री फर्जी मिली है। विभाग ने नोटिस देकर
स्पष्टीकरण तलब किया है।
विभाग छिपा रहा है शिक्षकों के नाम
मंगरौरा
विकास खंड के उन सभी 11 शिक्षकों के नाम विभाग अभी छिपा रहा है, जो एसटीएफ
की जांच के दायरे में हैं। फर्जी शिक्षक अब राजनेताओं के पास पहुंचकर अपने
बचाव का रास्ता खोज रहे हैं। इस संबंध में प्रभारी बीएसए सुधीर सिंह से
बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर
दिया।
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