इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि विवाहिता पुत्री मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति पाने की हकदार नहीं है।
कोर्ट
ने इसके तीन कारण बताए हैं। पहला यह कि शिक्षण संस्थाओं के लिए बने
रेग्युलेशन 1995 के तहत विवाहिता पुत्री परिवार में शामिल नहीं है। दूसरा
आश्रित कोटे में नियुक्ति की मांग अधिकार के रूप में नहीं की जा सकती।
तीसरा कानून के अनुसार विवाहिता पुत्री अपने पति की आश्रित होती है।
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