सहारनपुर। परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों का पंजीकरण बीते तीन साल से लगातार बढ़ा है, जो अच्छा संकेत है। बीते दो साल में हुई बढ़ोत्तरी की एक बड़ी वजह कोरोना को माना जा रहा है। सैकड़ों अभिभावक निजी विद्यालयों की फीस नहीं चुका सके हैं। ऐसे में उन्होंने बच्चों को निजी विद्यालयों से हटाकर परिषदीय विद्यालयों में भेजना शुरू किया।
वर्ष
2019 में जनपद के 1438 परिषदीय विद्यालयों में कुल पंजीकृत छात्रों की
संख्या 1,83575 थी। जो ठीक अगले वर्ष यानी 2020 में बढ़कर 1,92180 पर पहुंच
गई। खास बात यह है कि इस बार इस संख्या में अभी तक 15 हजार की बढ़ोत्तरी
हो चुकी है। बुधवार 17 नवंबर तक 2,07000 पंजीकरण हो चुके हैं, जो अब भी
जारी हैं। पंजीकरण बढ़ने की तीन प्रमुख वजह मानी जा रही हैं। इनमें सबसे
बड़ी वजह कोरोना के कारण आर्थिक तंगी में आए अभिभावकों ने अपने बच्चों को
निजी विद्यालयों से हटाकर परिषदीय में भेजना शुरू किया है। दूसरी बड़ी वजह
कायाकल्प अभियान है, इसके माध्यम से परिषदीय विद्यालयों की स्थिति में काफी
सुधार आया है और उनका सुंदरीकरण हुआ है। इसका नतीजा यह रहा है कि
अभिभावकों ने अपने बच्चों को परिषदीय विद्यालयों में भेजना शुरू किया।
तीसरी वजह अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय शुरू होना है। बेसिक शिक्षा विभाग
ने 200 विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम का बनाया है, इनमें स्मार्ट क्लास और
अन्य सुविधाएं दी हैं।
प्रशासन ने भी दिखाई गंभीरता
परिषदीय
विद्यालयों में पंजीकरण बढ़ाने पर प्रशासन का भी जोर रहा है। मंडलायुक्त
डॉ. लोकेश एम ने शहर के निरीक्षण के दौरान जिन बच्चों को सड़कों पर घूमते
या कचरा बीनते देखा उनका दाखिला नजदीकी विद्यालयों में कराया। उनके बाद एडी
बेसिक योगराज सिंह और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अंबरीष कुमार ने भी इसे
अभियान के रूप में चलाकर पंजीकरण कराए।
परिषदीय विद्यालयों में
पंजीकृत बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो अच्छा संकेत है। इसकी कई
वजह हैं, इनमें कायाकल्प अभियान एक प्रमुख कारण रहा है। इसमें विद्यालयों
की स्थिति में आया सुधार भी है। कोरोना के चलते कुछ बच्चे परिषदीय
विद्यालयों में आए हैं। - अंबरीष कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।
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