उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक महिला, बेरोज़गारी के मुद्दे को लेकर पिछले चार महीनों से पानी की टंकी पर चढ़ी हुई है.
36
साल की शिखा पाल 11 अगस्त से उत्तर प्रदेश के स्टेट काउंसिल ऑफ़ एजुकेशनल
रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT) के कैंपस में बनी एक पानी की टंकी पर चढ़कर,
दिन-रात प्रदर्शन कर रही हैं.
शिखा पाल की मांग
है कि 2017 से चली आ रही सहायक शिक्षक भर्ती में 26 हज़ार से अधिक खाली
पदों पर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार
उन्हें और उन जैसे 45 हज़ार सुपर टीईटी पास योग्य अभ्यर्थियों को मौका दे.
जिस
टंकी पर चढ़कर शिखा प्रदर्शन कर रही हैं वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के
निवास से महज़ 4 किलोमीटर की दूरी पर है. लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई
नहीं है.
गिरने के डर से रेलिंग में दुपट्टा बांधकर गुज़ारी रात
जिस
समय हम शिखा से मिलने उस पानी टंकी पर पहुंचे रात के नौ बज चुके थे. टेकी
के तीसरी मंज़िल पर रहकर शिखा प्रदर्शन कर रही है. यहां तक पहुंचने के लिए
बहुत संकरी सीढ़ियां हैं. उनके साथ रेलिंग भी नहीं है और ज़रा सी भी चूक
होने पर इंसान नीचे गिर सकता है.
जब हम ऊपर पहुंचे तो शिखा हमें तीन बाई चार फ़ीट के छज्जे पर बैठी हुई मिलीं. वहां ठीक से पैर फैलाने की भी जगह नहीं है.
हम वहीं सीढ़ियों से पैर फंसाकर शिखा से बात करने लगे.
शिखा
से मिलने से पहले हमने उनकी मां से भी मुलाकात की थी. उन्होंने हमें बताया
कि गिरने के डर से शिखा कई रातें रेलिंग में दुपट्टा बाँध कर सोईं.
शुरुआती समय का डर
बीते
चार महीने से प्रदर्शन कर रही शिखा ने बताया, "पहले मुझे डर लगता था और
शुरुआत में मैंने कई रातें बैठकर ही काट दीं. लगता था कि मैं रात में गिर
जाऊंगी. बरसात में ऊपर से पानी टपकता रहता था. लेकिन इतने दिन रहने के बाद
आदत सी पड़ जाती है."
कुछ लोगों का मानना है कि यह सबकुछ स्टंट है और फ़िल्मी है.
ऐसे
लोगों को शिखा कहती हैं, "हम किसी फ़िल्म से प्रेरित नहीं है. मैं चार
मंज़िला ऊंचाई पर बैठी हूँ. मेरे साथ कभी भी कोई दुर्घटना घट सकती है और अब
जब सर्दी का मौसम है तो आप समझ सकते हैं कि यहां कितनी ठंड होगी."
लखनऊ में रात का तापमान 7 से 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच रहा है.
खाने
और चाय पानी के लिए भी शिखा टंकी से नीचे नहीं उतरती हैं. एक रस्सी से वो
एक थैला नीचे लटका देती हैं और खाने पीने का सामान ऊपर खींच लेती हैं. वह
सिर्फ शौच के लिए, नहाने धोने के लिए नीचे उतरती हैं.
सरकार का दावा
मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने अगस्त में एक ट्वीट किया था, "उत्तर प्रदेश में पिछले
सवा 4 वर्षों में 4.5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी प्राप्त हुई है. पिछले
15-20 वर्षों के उत्तर प्रदेश शासन में किसी भी सरकार के कार्यकाल में इतनी
नियुक्तियों के आंकड़े नहीं मिलेंगे."
ग़ौरतलब है कि इसमें से 1 लाख 10 हज़ार अलग-अलग पदों पर नियुक्त शिक्षक ही हैं.
इससे
पहले वो यह भी ट्वीट कर चुके हैं कि प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था से
निवेश बढ़ा है और 1.61 करोड़ से अधिक युवाओं को नौकरी व रोजगार से जोड़ने
में सफलता प्राप्त हुई है.
साथ ही उत्तर प्रदेश में बेरोज़गारी दर 2017 में 17.5 % से घट कर 4.1 % हो गयी है.
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