इस साल बजट में आम लोगों के साथ उद्योग जगत को जीवन बीमा और पेंशन उत्पादों पर कर छूट का दायरा बढ़ने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का कहना है कि आयकर की धारा 80सी के तहत मिलने वाली मौजूदा टैक्स छूट पर्याप्त नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अपना चौथा बजट एक फरवरी को पेश करेंगी।
विशेषज्ञों
का कहना है कि कोरोना संकट में बढ़ते खर्च को देखते हुए यदि करदाताओं को
टैक्स में अधिक छूट मिलेगी तभी वह जीवन बीमा समेत अन्य विकल्पों में निवेश
कर पाएंगे। साथ ही उनके पास खर्च के लिए जो राशि बचेगी वह अंतत: बाजार में
आएगी जिससे अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र
गर्ग ने कहा कि मौजूदा स्थिति में कर ढांचा जटिल है।
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