वाराणसी। नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद सरकारी स्कूलों का शैक्षणिक
माहौल बदलेगा। प्राथमिक स्कूलों में सबसे अधिक जोर भाषा और गणित की शिक्षा
पर दिया जाएगा। इसके तहत प्राथमिक स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक के
बच्चों को भाषा और गणित की बेहतर शिक्षा दी जाएगी।
स्कूली
बच्चों की भाषा को समृद्ध किया जाएगा। वहीं, गणित विषय को सहज तरीके से
पढ़ाया जाएगा, ताकि गणित विषय पर उनकी पकड़ मजबूत बन सके। छठी कक्षा से
सरकारी स्कूल के बच्चों को व्यवसायिक शिक्षा दी जाएगी। कक्षा छह से आठवीं
तक के छात्रों के
पाठ्यक्रम में व्यवसायिक कोर्स को शामिल
किया जाएगा। जिससे छात्र पढ़ाई ही व्यवसायिक कोर्स भी करेंगे, ताकि उनका
कौशल विकसित हो सके। किसी कारणवश बीच में ही पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों एवं
युवाओं को भी नई शिक्षा नीति के तहत जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
बीएसए
राकेश सिंह ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम में व्यवसायिक
कोर्स को शामिल करने से स्कूल छात्र का कौशल उन्नत होगा। पढ़ाई के बाद वे
स्वरोजगार कर सकेंगे। इससे कुशल युवाओं की एक नई फौज तैयार होगी।
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