एक स्कूल में पढ़ने वाली दो लड़कियों में से एक की फीस माफ करने के
लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने सरकार पर आने वाले वित्तीय भार के आकलन के लिए
आंकड़े जुटाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो अक्तूबर
2021 को घोषणा की है कि एक संस्था में एक से अधिक बच्चियां पढ़ रही हों तो
दूसरी बच्ची की फीस माफी के लिए संस्था को प्रोत्साहित किया जाए या फिर
इसकी प्रतिपूर्ति यूपी सरकार करेगी।
मुख्यमंत्री
कार्यालय से इस घोषणा के अमल के लिए बेसिक शिक्षा विभाग को नोडल विभाग
बनाया गया है। विभाग ने सभी बीएसए को पत्र भेज कर इन आंकड़ों को तलब किया
है कि यदि दो बच्चियां एक ही स्कूल में पढ़ रही है तो उनकी संख्या जुटाई
जाए। इस योजना का लाभ सरकार द्वारा तय आय सीमा से नीचे जीवनयापन करने वाले
परिवार को मिलेगा। अभी यह आय सीमा तय नहीं की गई है।
इसके
लिए पहले संस्थान से अपील की जाएगी। यदि वह फीस माफी के लिए तैयार नहीं
होगा तो इस फीस की प्रतिपूर्ति सरकार करेगी। इसके लिए संस्थान यदि शिक्षण
शुल्क माफ करने में अक्षम होगा तो इसका प्रस्ताव ऑनलाइन देगा। छात्रा की
पात्रता संबंधी प्रमाणपत्र व संस्थान के पिछले पांच वर्षों के आय-व्यय का
विवरण देगा कि किस कारण से वह शुल्क माफ करने में असमर्थ है।
अभी
तक शुल्क प्रतिपूर्ति की योजनाएं समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग व
अल्पसंख्यक विभाग द्वारा चलाई जाती हैं। प्रस्तावित योजना भी इन्हीं
विभागों के माध्यम से चलाई जाएगी। योजना माध्यमिक शिक्षा विभाग, प्राविधिक
शिक्षा विभाग व उच्च शिक्षा विभाग में लागू की जाएगी। उच्च शिक्षा में
सरकारी व सहायताप्राप्त महाविद्यालयों में पहले से ही सामान्य पाठ्यक्रमों
पर निशुल्क शिक्षा दी जा रही है लेकिन यहां चलने वाले स्ववित्त घोषित
पाठ्यक्रमों पर यह योजना लागू की जाएगी। वहीं निजी विश्वविद्यालयों को इस
योजना के तहत अपनी छात्र कल्याण निधि या स्वयं के स्रोतों से कार्रवाई की
जाएगी।
0 comments:
Post a Comment