केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त मौका देना संभव नहीं है।
शीर्ष
अदालत उन तीन अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने
यूपीएससी 2021 की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी, लेकिन कोविड
संक्रमित होने की वजह से मुख्य परीक्षा के सभी पेपरों में सम्मिलित नहीं हो
सके थे। अब वे परीक्षा में शामिल होने के लिए अतिरिक्त मौके की मांग कर
रहे हैं।
जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस एएस ओका की पीठ को केंद्र की ओर से पेश
एडिशनल सालिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्य भाटी ने बताया, ‘हमने एक हलफनामा
दाखिल किया है। अतिरिक्त मौके संभव नहीं हैं। हमने इस पर विचार किया है।’
पीठ
ने कहा वह मामले पर 28 मार्च को सुनवाई करेगी, साथ ही रजिस्ट्री को मामले
की पेपर बुक के साथ हलफनामा भी वितरित करने का निर्देश दिया। वहीं, याचियों
ने दलील दी कि वह अपनी इच्छा से नहीं, बल्कि गृह मंत्रलय और स्वास्थ्य
मंत्रलय की गाइडलाइंस की वजह से परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो सके जिनके
मुताबिक कोविड संक्रमित होने पर क्वांरटाइन और आइसोलेशन अनिवार्य है।
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