टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी
सलाहकार समूह (एनटागी) की कोरोना से जुड़ी समिति ने 12 साल और उससे अधिक
उम्र के लोगों के लिए कोवोवैक्स को राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में शामिल
करने की सिफारिश की है। कोरोना रोधी इस वैक्सीन का उत्पादन पुणे स्थित सीरम
इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने किया है, जिसकी एक वैक्सीन कोविशील्ड पहले से ही
इस अभियान का प्रमुख हिस्सा है। भारत के दवा महानियंत्रक (डीजीसीआइ) ने
वयस्कों में कोवोवैक्स के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी पिछले साल 28 दिसंबर
को ही दे दी थी। वहीं, 12-17 साल के बच्चों के लिए नौ मार्च को मंजूरी दी।
हालांकि, अभी तक इसे राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में शामिल नहीं किया गया
है। इस पर विचार करने के लिए एनटागी की कोरोना संबंधी समिति की एक अप्रैल
को बैठक हुई, जिसमें कोवोवैक्स को टीकाकरण अभियान में शामिल करने की
सिफारिश की गई। उम्मीद है अब जल्द ही यह वैक्सीन भी लगाई जाने लगेगी। देश
में लगातार कम हो रहे कोरोना के नए मामले: देश में कोरोना संक्रमण के
मामलों में लगातार कमी आ रही है। इसकी एक प्रमुख वजह बड़ी संख्या में
टीकाकरण भी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बीते 24 घंटे में
1,096 नए मामले मिले हैं और 81 मौतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से 74 मौतें
अकेले केरल से हैं। केरल में भी मौत के आंकड़े इसलिए ज्यादा आ रहे हैं,
क्योंकि पहले हुई मौतों को नए आंकड़ों के साथ मिलाकर जारी किया जा रहा है।
डब्ल्यूएचओ
ने कोवैक्सीन की वैश्विक आपूर्ति रोकी हैदराबाद, रायटर : डब्ल्यूएचओ ने
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के जरिये भारत बायोटेक द्वारा उत्पादित कोरोना
रोधी वैक्सीन कोवैक्सीन की आपूर्ति रोक दी है। डब्ल्यूएचओ ने ऐसा इसलिए
किया है कि कंपनी अपनी उत्पादन इकाइयों की सुविधाओं में सुधार करने के साथ
ही वैश्विक स्वास्थ्य संस्था की तरफ से हाल में निरीक्षण के दौरान पाई गई
कमियों को दूर कर सके। भारत बायोटेक ने कहा है कि डब्ल्यूएचओ के इस फैसले
से कोवैक्सीन के प्रभाव और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर किसी तरह का असर
नहीं पड़ा है।
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