बाराबंकी। बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी के बहाने से परिषदीय विद्यालयों के कई शिक्षक-शिक्षिकाएं अपने विद्यालय से नदारद रहे और परीक्षा ड्यूटी पर भी नहीं पहुंचे। इस लापरवाही की जांच हुई तो 60 से ज्यादा शिक्षकों के नाम सामने आए हैं। इन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
इस
बार बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित परिषदीय विद्यालयों की परीक्षाएं
23 मार्च से शुरू हुई थी। इसी के अगले ही दिन 24 मार्च से यूपी बोर्ड
परीक्षा भी शुरू कर दी गई। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने अपने यहां शिक्षकों की
कमी को देखते हुए बेसिक के करीब 2300 शिक्षक-शिक्षिकाओं की ड्यूटी बोर्ड
परीक्षा में कक्ष निरीक्षक के रुप में लगा दी। इन हालातों में परिषदीय
विद्यालयों की परीक्षाएं भी प्रभावित हुईं। 28 मार्च को परिषदीय विद्यालयों
की परीक्षा तो समाप्त हो गई मगर यूपी बोर्ड की परीक्षा जारी रही।
31
मार्च को बीएएस राजेंद्र सिंह के रिटायर होने से बीएसए का चार्ज भी
डीआईओएस के पास चला गया। बोर्ड परीक्षाओं के बीच ही एक अप्रैल से परिषदीय
विद्यालयों का नया शिक्षा सत्र भी जारी हो गया। लेकिन इस दौरान जहां कई
शिक्षक-शिक्षिकाएं बोर्ड परीक्षा ड्यूटी से तो गायब रहे ही अपने विद्यालयों
में भी नहीं पहुंचे।
बीते तीन दिनों से पढ़ाई प्रभावित होने लगी तो प्रभारी बीएसए व
डीआईओएस ने मामले की जांच शुरू कर दी। पता लगा कि ऐसे करीब 60
शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं जिन्होंने न तो बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी की और न ही
अपने विद्यालय में शिक्षण कार्य किया। डीआईओएस डॉ. राजेश कुमार वर्मा ने
बताया कि इन शिक्षकों से जवाब तलब किया जाएगा। संतोषजनक जवाब न मिलने पर
कार्रवाई होगी।
गुमराह करने के आरोप में शिक्षिका निलंबित
विद्यालय
के रजिस्टर में बोर्ड परीक्षा ड्यूटी में जाने की बात अंकित करने वाली
शिक्षिका निलंबित कर दी गई है। जांच में पाया गया कि वह परीक्षा ड्यूटी से
नदारद थी। मामला फतेहपुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय साढ़ेमऊ का है। बीते
सोमवार को विधायक साकेंद्र वर्मा के निरीक्षण में इस विद्यालय की सभी
शिक्षिकाएं नदारद पाई गई थीं।
दो को उसी दिन निलंबित कर दिया गया
था। जबकि एक शिक्षिका लक्ष्मी देवी की ड्यूटी परीक्षा केंद्र आजाद
इंडस्ट्रियल इंटर कॉलेज फतेहपुर में लगाई गई थी। जांच में पता लगा कि
शिक्षिका वहां भी नहीं पहुंची। प्रभारी बीएसए डॉ. राजेश वर्मा ने बताया कि
शिक्षिका को गुमराह करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
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