01 April, 2022

आगामी सत्र से यूजी और पीजी में साइबर सुरक्षा की पढ़ाई अनिवार्य

 

 विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में स्नातक और स्नातकोत्तर प्रोग्राम के छात्र साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई भी करेंगे। स्नातक प्रोग्राम में साइबर सिक्योरिटी का बेसिक और मिड लेवल का कोर्स पढ़ाया जाएगा, जिसमें चार क्रेडिट होंगे, जबकि स्नातकोत्तर प्रोग्राम में मिड और एडवांस लेवल की पढ़ाई करनी होगी, जिसके चार क्रेडिट होंगे।




इसका मकसद, डिजिटल शिक्षा के दौर में छात्रों को साइबर ठगी के प्रति सावधान करना और तकनीकी ज्ञान देना है। इसके अलावा साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ तैयार करना है। इसमें साइबर सुरक्षा के लीगल, सामाजिक, आर्थिक पहलु से भी अवगत करवाया जाएगा। 


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इसका मसौदा (ड्रॉफ्ट) तैयार करके राज्यों और विश्वविद्यालयों को साझा कर दिया है। इसके अलावा उच्च शिक्षण संस्थानों में डिजिटल हाइजिन पर आधारित सामान्य दिशा-निर्देश दर्शाती पुस्तिका भी तैयार की गई है।
 
विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में स्नातक और स्नातकोत्तर प्रोग्राम के छात्र साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई भी करेंगे। स्नातक प्रोग्राम में साइबर सिक्योरिटी का बेसिक और मिड लेवल का कोर्स पढ़ाया जाएगा, जिसमें चार क्रेडिट होंगे, जबकि स्नातकोत्तर प्रोग्राम में मिड और एडवांस लेवल की पढ़ाई करनी होगी, जिसके चार क्रेडिट होंगे।



इसका मकसद, डिजिटल शिक्षा के दौर में छात्रों को साइबर ठगी के प्रति सावधान करना और तकनीकी ज्ञान देना है। इसके अलावा साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ तैयार करना है। इसमें साइबर सुरक्षा के लीगल, सामाजिक, आर्थिक पहलु से भी अवगत करवाया जाएगा। 


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इसका मसौदा (ड्रॉफ्ट) तैयार करके राज्यों और विश्वविद्यालयों को साझा कर दिया है। इसके अलावा उच्च शिक्षण संस्थानों में डिजिटल हाइजिन पर आधारित सामान्य दिशा-निर्देश दर्शाती पुस्तिका भी तैयार की गई है।
 
 
यूजीसी नेट, जेआरएफ को एक वर्ष तक के लिए मान्य किया
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने यूजीसी नेट-जेआरएफ को बड़ी राहत दी है। कोरोना महामारी में शिक्षण संस्थान बंद होने पर जेआरएफ को तीन वर्ष के स्थान पर चार वर्ष तक के लिए मान्य किया गया है। मार्च 2020 में जिन उम्मीदवारों की समय-सीमा समाप्त हो रही थी, उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। यूजीसी अध्यक्ष प्रो. एम जगदीश कुमार ने बताया कि शिक्षण संस्थान बंद होने के कारण यूजीसी नेट-जेआरएफ उम्मीदवारों को दाखिले में दिक्कत आई है। इसी को ध्यान में रखते हुए यूजीसी नेट-जेआरएफ उम्मीदवारों को तीन की बजाय चार तक तक वैद्यता दी जा रही है। इसके अलावा नेशनल फेलोशिप(एससी, एसटी, ओबीसी) को भी तीन वर्षों के स्थान पर चार वर्ष किया गया है।
 

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