72,825 शिक्षक भर्ती: कोर्ट का मेरिट पर 'अच्छा' आदेश!
प्राथमिक विद्यालयों में 72,825 प्रशिक्षु सहायक अध्यापकों की भर्ती
के लिए जारी काउंसलिंग में कला वर्ग की टीईटी उत्तीर्ण छात्रों को भी शामिल
करने का हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है। अभ्यर्थी चंचला को टीईटी में 91 अंक
प्राप्त हुए हैं। उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर विज्ञान और कला वर्ग
की अलग-अलग मेरिट बनाने को चुनौती दी है।
अधिवक्ता अनिल बिसेन और
अग्निहोत्री कुमार ने पक्ष रखते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा
(अध्यापक ) नियमावली में चयन की योग्यता मात्र स्नातक है। इसमें विज्ञान
स्नातक या कला स्नातक का भेद नहीं है।
टीईटी परीक्षा में भी विज्ञान
और कला वर्ग के अलग-अलग प्रश्नपत्र नहीं थे। इसलिए चयन में विज्ञान और कला
की अलग-अलग मेरिट बनाना गलत है।
याची ओबीसी वर्ग की है और उसे
टीईटी परीक्षा में 91 अंक प्राप्त हुए हैं। कोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए
याची को काउंसलिंग में शामिल करने का निर्देश देते हुए कहा है कि उसका चयन
याचिका के अंतिम परिणाम पर निर्भर करेगा।
सरकार ने भर्ती पर दी सफाई
वहीं प्रदेश सरकार ने भी शिक्षकों की भर्ती पर कहा था कि जल्द ही
छात्रों की संख्या के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के नए पदों
का सृजन करेगी। फिलहाल प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर 333790 अध्यापक
और 106403 शिक्षा मित्र कार्यरत हैं।विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा के सुरेश खन्ना के सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री योगेश प्रताप सिंह ने कहा था कि निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम दो अध्यापकों और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान/गणित, सामाजिक अध्ययन एवं भाषा विषय के कम से कम एक-एक अध्यापक की तैनाती की व्यवस्था है।
प्राथमिक स्कूलों में 30 छात्रों पर एक अध्यापक और उच्च प्राथमिक स्तर पर 35 बच्चों पर एक अध्यापक की नियुक्ति का प्रावधान है। इसके अनुरूप अध्यापकों की जरूरत के संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारियों से सूचना मंगाई जा रही है। सूचना मिलने पर छात्रों के अनुपात में शिक्षकों के पद सृजित किए जाएंगे।
58,903 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक का दर्जा
उन्होंने बताया था कि 72,825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के तहत तीन
काउंसलिंग हो चुकी है। चौथी काउंसलिंग होने वाली है। 58903 शिक्षा मित्रों
का प्रशिक्षण पूरा करके सहायक अध्यापक का दर्जा दे दिया गया है। चरणवार
अन्य शिक्षा मित्रों का प्रशिक्षण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों
की कमी के कारण सूबे में एक भी स्कूल बंद नहीं है। सुरेश खन्ना ने अपने
विधानसभा क्षेत्र के ऐसे एक विद्यालय का जिक्र किया लेकिन मंत्री ने इससे
इन्कार किया।
News Source-Amar Ujala
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