22 September, 2015

अखिलेश ने शिक्षामित्रों को दी बड़ी राहत, बने सहायक शिक्षक

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने साफ कह दिया है कि दो वर्षीय बीटीसी के बाद समायोजित किए गए सहायक अध्यापक के पद पर बने रहेंगे। उन्हें पहले की तरह वेतन और अन्य सुविधाएं मिलती रहेंगी। हालांकि उन्होंने कहा कि वे हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं।विधिक राय लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रखेंगे। मुख्यमंत्री ने सोमवार को अपने आवास पर शिक्षामित्रों के प्रतिनिधि मंडल से मिलने के बाद यह आश्वासन दिया। उनके आश्वासन के बार शिक्षामित्रों ने आंदोलन समाप्त कर दिया।
संयुक्त शिक्षा मित्र संघ के पदाधिकारियों ने कहा है कि राज्य सरकार उनके साथ है इसलिए आंदोलन समाप्त किया जा रहा है, लेकिन एनसीटीई के खिलाफ सांकेतिक विरोध जारी रहेगा।
यूपी के साथ दोहरी नीति क्यों
मुख्यमंत्री ने शिक्षा मित्रों से कहा कि जब उत्तराखंड और महाराष्ट्र में शिक्षामित्रों को बिना टीईटी के शिक्षक बनाया जा सकता है, तो यूपी में क्यों नहीं? जब राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने वहां कोई आपत्ति नहीं उठाई, तो फिर यूपी के लिए क्यों। वह दोहरी नीति क्यों अपना रहा है। 
पीएम से करेंगे बात
अखिलेश ने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी से बातचीत की जा रही है। पीएम से अनुरोध किया जाएगा कि वे एनसीटीई को यूपी के शिक्षामित्रों के साथ भेदभाव न करने का निर्देश दें।
समायोजन कानून के दायरे में ही किया गया
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षामित्रों का समायोजन नियम और कानून के दायरे में किया गया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत राज्य सरकार को यह अधिकार है कि वह नियमावली में संशोधन कर सकती है।उन्होंने शिक्षा विभाग के अफसरों को निर्देश दिया कि वे सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष पूरी तैयारी के साथ रखें ताकि फैसला शिक्षामित्रों के पक्ष में आ सके। 
महाराष्ट्र के प्रतिनिधि मंडल से भी मिले
मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी के नेतृत्व में शिक्षा मित्रों के साथ महाराष्ट्र से आए प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की। शिक्षा मित्रों में जितेंद्र कुमार शाही, गाजी इमाम आला, अनिल कुमार यादव, अमित यादव, धर्मवीर यादव, श्यामलाल यादव, शिवकुमार शुक्ला आदि शामिल थे।महाराष्ट्र से विधान परिषद में शिक्षक सदस्य कपिल पाटिल वहां शिक्षा मित्रों के नेता नवनाथ गेन, रामनयन दुबे, माता चरण मिश्रा, सुभाष मोरे और संजय दुबे शामिल थे। मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र पैटर्न पर बातचीत की।
पीएम व सीएम के आश्वासन से हुए संतुष्ट 
वहीं, बलरामपुर में प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री के आश्वासनों से संतुष्ट शिक्षामित्रों के संगठनों ने अग्रिम निर्णय तक आंदोलन स्थगित कर दिया है। मंगलवार से शिक्षामित्र पूर्व की भांति अपने-अपने स्कूलों में शिक्षण कार्य करेंगे।ये बातें सोमवार को नार्मल स्कूल में आयोजित आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन तथा उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ की बैठक में पदाधिकारियों ने कहीं।
एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष देव कुमार मिश्र तथा शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष गिरिजा शंकर शुक्ल ने कहा कि बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिक्षामित्रों का सम्मान वापस दिलाने का आश्वासन दिया है।पीएम व सीएम ने साथियों से धैर्य के साथ पूर्व की भांति विद्यालयों में काम करने की अपील की है। ऐसे में संगठन के अग्रिम आदेश तक समस्त आंदोलन स्थगित रखने का निर्णय लिया गया है।नईम खां, इमरान अली शाह, सचिन शुक्ल व अंजनी तिवारी ने भी शिक्षामित्रों से धैर्य के साथ पूर्व की भांति काम करने की अपील की है। बैठक में मुस्तफा रजा, मनीष पांडेय, अरुण शुक्ल, राकेश मिश्र, अजय सिंह समेत तमाम शिक्षामित्र मौजूद रहे।
शिक्षामित्रों पक्ष में खड़े हुए वरुण गांधी 
शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किए जाने के मामले में भाजपा सांसद वरुण गांधी शिक्षामित्रों के पक्ष में खड़े हुए हैं। सांसद ने मुख्यमंत्री व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को टीईटी की परीक्षा में छूट प्रदान करने एवं राज्य सरकार से शिक्षामित्रों को पांच लाख रुपये देने के लिए पत्र लिखा है।मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी को लिखे पत्र में भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि है कि हाईकोर्ट के फैसले से शिक्षामित्र अवसाद में आ गए हैं।उन्हें राज्य सरकार पांच लाख रुपया देकर अवसाद से उबारे। साथ ही सीएम व मानव संसाधन विकास मंत्री से पड़ोसी राज्य उत्तराखंड की तरह टीईटी परीक्षा में छूट देने की मांग की है।
कहा है कि कोर्ट के फैसले से ऐसा लगता है कि राज्य सरकार शिक्षामित्रों के मामले में न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष मजबूती से नहीं रख पाई। मीडिया प्रभारी विजय सिंह रघुवंशी ने बताया कि सांसद की पैरवी का शिक्षामित्र संगठनों ने स्वागत किया है।    

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